मुख्‍यमंत्री की घोषणा के विरुद्ध गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए शिक्षक

झारखंड
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खूंटी। मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में नहीं लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद भी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य में लगाए गए हैं। इस बाबत खूंटी जिला शिक्षा अधीक्षक ने आदेश जारी किया है। इस बाबत जिले के सभी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी-सह- निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी को आदेश दिया है।

जारी आदेश में जिला शिक्षा अधीक्षक ने लिखा है कि आप अपने प्रखंड के विद्यालय के शिक्षकों के वेतनादि की निकासी के लिए चिन्हित विद्यालय निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी है। प्रखंडों से कोषागार विपत्र वाहक के रूप में प्रतिनियुक्त कतिपय शिक्षकों के विरुद्ध शिकायत प्राप्त होती रहती है।

जिला शिक्षा अधीक्षक ने निर्देश दिया है कि एक सप्ताह के अंदर अपने-अपने प्रखंड के चिन्हित निकासी एवं व्ययन विद्यालय के कनीय शिक्षक को कोषागार वाहक के रूप में अधिकृत करें। अधिकृत कोषागार वाहक शिक्षक का मोबाईल नंबर के साथ प्रतिवेदित करना सुनिश्चित करेंगे।

इस मामले में शिक्षा पदाधिकारियों का कहना है कि यह नियमविरुद्ध नहीं है। कोषागार सेवा संहिता में ट्रेजरी मैसेंजर बनाने का प्रावधान है। स्‍कूल भी एक डीडीओ ओता है। प्राथमिक विद्यालय में कोई अन्‍य स्‍टाफ भी नहीं है। सभी जिलों में यही व्‍यवस्‍था लागू है।

उधर, शिक्षक इसे लगत बता रहे हैं। उनका कहना है कि कनीय या वरीय शिक्षकों को विपत्र वाहक बनाना ही गलत है। इससे विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है। विपत्र वाहक बीईईओ कार्यलय के अनुसेवी या अन्य लिपिक को बनाना चाहिए। हर प्रखंड में एक स्थापना लिपिक होना चाहिए। अनुकंपा में  नियुक्ति लिपिक में ही होती है।