गोल्ड विजेता नीरज ने बताई जैवलिन से जुड़ने की दिलचस्प कहानी

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नई दिल्ली। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय एथलिट नीरज चोपड़ा ने देश के लिए गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया। उनके प्रदर्शन से पूरा देश उत्साह‍ित है। सभी लोग उन्हेंं बधाई दे रहे हैं। सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी नीरज चोपड़ा को खास अंदाज में दी बधाई। सुदर्शन ने ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने पर स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा की शानदार आकृति बनाई।

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गोल्ड जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे फोन पर बात की। उन्होंने कहा कि ओलंपिक समापन की तरफ जा रहा है। आपने देश को खुश कर दिया। आपने बहुत बड़ा कमाल कर दिया। इस बीच नीरज ने ओलंपिक में अपने सफर को साझा किया। जैवलिन से जुड़ने की कहानी भी बताई।

नीरज ने कहा कि मेरे दिमाग में था कि ओलंपिक में अपना बेस्ट करने की कोशिश करनी है। जब तक आखिरी थ्रो तक गोल्ड फाइनल नहीं हो गया, तब तक मैंने दिमाग को रिलैक्स नहीं किया। बाकी थ्रोअर काफी अच्छे थे।

नीरज चोपड़ा

द‍िवंगत मिल्खा सिंह को याद करते हुए नीरज ने कहा कि उन्‍होंने भारतीय खेल और एथलेटिक्स के लिए बहुत बड़ा योगदान किया। उनका सपना था कि भारत से कोई गोल्ड जीते और राष्ट्रगान बजे। उनका वह सपना पूरा हुआ, लेकिन आज वह हमारे बीच नहीं हैं। मुझे लगता है कि वह आज जहां भी हैं, वहां से देखकर गर्व महसूस कर रहे होंगे।

नीरज ने कहा कि चोट खिलाड़ी की ज़िंदगी का एक हिस्सा है। उस समय ये मानना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन हम इसे बदल नहीं सकते। मैंने कोशिश की थी कि आने वाली प्रतियोगिताओं पर ध्यान दूं। अपने आप को तैयार करना शुरू करूं। सभी ने साथ दिया और मैं अच्छे से रिकवर हो पाया।

नीरज ने बताया कि मेरे सबसे छोटे अंकल बचपन में मुझे स्टेडियम में लेकर गए थे। वह चाहते थे कि मैं खिलाड़ी बनूं। जब मैंने पहले दिन जैवलिन खेलना शुरू किया, तब मुझे जैवलिन से अजीब सा लगाव हो गया था। मैंने उसी दिन से जैवलिन को अपना प्रोफेशन चुन लिया था।