गीता, रामायण के साथ-साथ अब होगी कुरान की भी पढ़ाई

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कर्नाटक। कर्नाटक सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए कहा है कि नैतिक विज्ञान इस शैक्षणिक वर्ष से पाठ्यक्रम का हिस्सा होगा और केवल एक धर्म तक ही सीमित नहीं रहेगा। शिक्षा मंत्री ने कहा कि पंचतंत्र, रामायण, महाभारत, कुरान और अन्य सहित सभी धर्मों का सार नैतिक अध्ययन का हिस्सा होगा। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम एक समिति द्वारा तय किया जाएगा और इस विषय पर कोई परीक्षा नहीं होगी।

कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि सभी धर्मों की किताबों को पढ़ाया जाएगा।  स्कूलों में प्रारंभिक शिक्षा भी होगी जहां शिक्षक विशेष रूप से महामारी के बाद की दुनिया में सीखने की गुणवत्ता में सुधार के लिए गीत और नृत्य के माध्यम से शिक्षण पर ध्यान केंद्रित करेंगे। 1 जून से नियमित कक्षाएं शुरू होने वाली हैं और छात्रों के पास होमवर्क भी कम होगा।

इससे पहले, जब स्कूलों में भगवद्गीता पढ़ाने के बारे में सवाल किया गया, तो सीएम बोम्मई ने कहा था कि स्कूली शैक्षिक पाठ्यक्रम में भगवद्गीता को शामिल करने का निर्णय चर्चा के बाद लिया जाएगा, क्योंकि यह शास्त्र नैतिक मूल्यों की शिक्षा प्रदान करता है।