कोलंबो। श्रीलंका का आर्थिक संकट सबसे खतरनाक दौर में है। हालात दिन-ब-दिन बिगड़ते चले जा रहे हैं। लोग सड़कों पर आ गये हैं। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इसकी वजह से शुक्रवार को सार्वजनिक आपातकाल का एलान कर दिया है।
कंगाली का आलम यह है कि कागज खरीदने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं हैं। इसलिए परीक्षाओं को रद्द किया जा रहा है। आर्थिक संकट की वजह से लोग सड़कों पर आ गए हैं। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हिंसक होते प्रदर्शनों को देखते हुए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने शुक्रवार को एक राजपत्र जारी कर सार्वजनिक आपातकाल का एलान कर दिया है।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक देश में मौजूदा स्थिति, सार्वजनिक सुरक्षा व कानून-व्यवस्था के मद्देनजर और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति एवं सेवाओं के रखरखाव को ध्यान में रखते हुए आपातकाल लगाया गया है। राष्ट्रपति ने एक गजट जारी कर आपातकाल लागू किया है।
इस दौरान मिरिहाना में राष्ट्रपति राजपक्षे के आवास के बाहर प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे। इस हिंसक प्रदर्शन में पत्रकारों सहित कम से कम 50 लोग घायल हो गए थे।
श्रीलंका की अर्थव्यवस्था गहरे संकट से जूझ रही है। इसका मुख्य आधार पर्यटन क्षेत्र है, जो कि कोरोना महामारी के कारण काफी समस्याओं का सामना कर रहा है। इससे श्रीलंका की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है।