नई दिल्ली। भारत के कोयला उत्पादन और प्रेषण में अप्रैल, 2025 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगातार बढ़ोतरी हुई है। यह कोयला मंत्रालय और उसकी सहायक कंपनियों के लगातार कोशिशों को रेखांकित करता है, जिससे क्षेत्र में लगातार आपूर्ति एवं परिचालन स्थिरता सुनिश्चित किया जा सके।
देश में कोयला उत्पादन अप्रैल, 2025 में 81.57 मिलियन टन (अनंतिम) हुआ, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में उत्पादित 78.71 मिलियन टन से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान, अप्रैल 2025 में कैप्टिव/अन्य संस्थाओं की खदानों से उत्पादन 14.51 मिलियन टन (अनंतिम) रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 11.46 मिलियन टन की तुलना में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्शाता है। यह वृद्धि देश के समग्र कोयला उत्पादन में कैप्टिव खनन के बढ़ते योगदान को रेखांकित करता है।
भारत का कुल कोयला प्रेषण अप्रैल, 2025 में 86.64 मिलियन टन (अनंतिम) रहा। यह वित्त वर्ष 2025-26 में पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में 85.11 मिलियन टन से लगातार बढ़ोतरी दर्शाता है।
कोयला कंपनियों द्वारा संरक्षित कोयले के भंडार में 30 अप्रैल, 2025 तक उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है, जो वित्त वर्ष 2025-26 में 125.76 मिलियन टन हो चुकी है। पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 102.41 मिलियन टन थी। वित्त वर्ष 2025-26 में, सिर्फ कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के पास कुल कोयला स्टॉक 105 मिलियन टन था। पिछले वर्ष की इसी अवधि में 86.60 मिलियन टन से 22.10% ज्यादा है। यह बढ़ोतरी कोयला क्षेत्र के मजबूत प्रदर्शन एवं दक्षता को दर्शाता है और 22.8% की प्रभावशाली वार्षिक वृद्धि दर को उजागर करता है।
कोयला मंत्रालय इस क्षेत्र में सतत विकास हासिल प्राप्त करने, कोयले की उपलब्धता में सुधार लाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। सकारात्मक गति के साथ, कोयला क्षेत्र देश की विकास गाथा को आगे बढ़ाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
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