रांची। झारखंड उद्योग जगत में बिरसा कृषि विवि (BAU) के विद्यार्थियों के तकनीकी काबिलियत व सेवा की जरूरत है। विद्यार्थियों में व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव के साथ कार्यों में लचीलापन होना चाहिए। उद्योग की बाधाओं और समस्या समाधान में व्यावहारिक रूप से कार्य कुशल प्रोफेशनल्स आज की जरूरत है। उक्त बातें झारखंड चैंबर के अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कही। वे रोजगार मेला सह बीएयू- उद्योग मीट के समापन समारोह में बोल रहे थे।
मंत्री ने कहा कि कहा कि कृषि विवि के साथ फेडरेशन कार्य में सहयोग करने को तैयार है। स्वावलंबी/उद्यमी बनने के इच्छुक और स्टार्टअप में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों को चैंबर सहयोग करेगा। यह मीट एक शुरुआत है। रांची स्थित चैंबर परिसर में विवि प्रबंधन बैठक करें। रोड मैप बताएं। फेडरेशन राज्य के उद्योग क्षेत्र में विद्यार्थियों के इंटर्नशिप सह रोजगार में सहयोग के लिए एमओयू पर तैयार हैं।
मेधा जल्द एमओयू करेगा
झारखंड मिल्क फेडरेशन (मेधा) के प्रबंध निदेशक पवन मारवाह ने कृषि एवं संबद्ध विषयों के स्नातकों को भावी वैश्विक युवा शक्ति बताया। कहा कि कोरोनाकाल में चिकित्सा एवं कृषि क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका रहीं। केंद्र एवं राज्य सरकारें और प्राइवेट सेक्टर भी कृषि क्षेत्र में फोकस कर रही है। राज्य में मेधा कंपनी को बीएयू के डेयरी टेक्नोलॉजी एवं वेटनरी स्नातक प्रोफेशनल की नियमित जरूरत है। वेटनरी एवं डेयरी टेक्नोलॉजी स्नातकों के इंटर्नशिप सह रोजगार के लिए मेधा कंपनी जल्द ही एमओयू करेगी।
प्रतियोगिता परीक्षाओं में शामिल हो
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने कहा कि कृषि विवि की समस्याओं के समाधान में राज्य सरकार का यथोचित सहयोग मिल रहा है। सभी विद्यार्थी आईसीएआर/कैट/जैट की विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं में जरूर शामिल हों। उत्कृष्ट प्रदर्शन से अपने को साबित करें। राज्य एवं बीएयू का गौरव बढ़ाये। उन्होंने कहा कि इस मीट के माध्यम से एक लकीर खींच दी गयी है, जिसका भावी परिणाम छात्रों के लिए काफी सुखद साबित होगा। बेहतर सफलता के लिए सभी विद्यार्थीगण आपस में ईर्ष्या से बचें और स्वस्थ स्पर्धा का माहौल बनाये।
डीन फॉरेस्ट्री डॉ एमएस मल्लिक ने विवि में विद्यार्थियों के गुणवत्तायुक्त शिक्षा को बढ़ावा देने में नाहेप –कास्ट परियोजना के प्रयासों एवं सहयोग पर प्रकाश डाला।
दो दिन में चयनित छात्रों की सूची
मौके पर प्लेसमेंट अभियान में शामिल वीरबैक, प्रदान, आर्यभट्ट, देहात, खेती, भारतीय लोक कल्याण संस्थान एवं आईएसीएफआए कंपनियों के प्रतिनिधियों ने छात्रों में तकनीकी एवं विपणन का व्यावहारिक ज्ञान, विज़न एवं उर्जा की जरुरत पर जोर दिया। प्रतिनिधियों ने दो दिनों में चयनित छात्रों की सूची निर्गत करने की बात कही। यह आयोजन स्टूडेंट काउंसीलिंग एंड प्लेसमेंट सेल एवं आईसीएआर – नाहेप परियोजना के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। जिसमें विश्वविद्यालय के ग्यारह महाविद्यालयों के अंतिम वर्ष में अध्ययनरत 350 छात्र-छात्राओं ने 7 कंपनियों के प्लेसमेंट अभियान में भाग लिया।
करियर काउंसीलिंग की जरूरत
मंच का संचालन डॉ नंदिनी कुमारी ने की। स्वागत भाषण में डीएसडब्लू डॉ बीके अग्रवाल ने विवि छात्रों के लिए शुरू से ही करियर काउंसीलिंग की जरूरत जताई। धन्यवाद आयोजन सचिव डॉ बीके झा ने रोजगार मेला सह बीएयू – उद्योग मीट की सफलता पर सबों के सहयोग का आभार जताया।
इनका भी रहा योगदान
इस आयोजन में कॉलेजों के प्लेसमेंट पदाधिकारी डॉ एचसी लाल, डॉ प्रवीण कुमार, डॉ एके चक्रवर्ती, डॉ मिंटू जॉब, डॉ अभिजित सत्पथी, डॉ शीबा सुप्रिया देमता, डॉ अर्नब रॉय, डॉ मुनमुन सेन, डॉ गुलशन कुमार एवं डॉ जय प्रकाश का उल्लेखनीय योगदान रहा।