टाटा स्टील फाउंडेशन ने मांडू सीएचसी में मेडिकल ब्लॉक का किया नवीनीकरण

सेहत झारखंड
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  • एक नया प्रतीक्षालय का भी किया निर्माण

मांडू (रामगढ़)। टाटा स्टील फाउंडेशन ने पब्लिक हेल्थ टीम के परामर्श से मांडू स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में तीन मेडिकल ब्लॉकों को पुनर्निर्मित किया। केंद्र में बच्चों के लिए एक नया प्रतीक्षालय और एक आकर्षक कुपोषण उपचार केंद्र वार्ड का भी निर्माण किया गया। नवीनीकरण योजना टाटा स्टील फाउंडेशन के बड़े लक्ष्यों का हिस्सा है, ताकि राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम किया जा सके। बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा सकें। कुपोषण उपचार केंद्र वार्ड को विशेष रूप से गंभीर कुपोषण से प्रभावित बच्चों के लिए बनाया गया है।

इस अवसर पर रामगढ़ की उपायुक्‍त सुश्री माधवी मिश्रा ने कहा, ‘टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा बुनियादी ढांचे का काम उत्कृष्ट रहा है। मैंने कुछ महीने पहले इस मेडिकल ब्लॉक का दौरा किया था। यह जीर्ण-शीर्ण अवस्था में था। इतने कम समय में एक नया वेटिंग हॉल जोड़ा है। यह पुनर्निर्मित परिसर झारखंड में अन्य सामुदायिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों के लिए एक  मॉडल के रूप में काम करेगा। वास्तव में, हम राज्य में स्वास्थ्य देखभाल से संबंधित पुरस्कारों के लिए सीएचसी मांडू को नामित करने की भी योजना बना रहे हैं।’

मेडिकल ब्लॉक के उद्घाटन समारोह में रामगढ़ में जिले के शीर्ष अधिकारियों और टाटा स्टील फाउंडेशन और टाटा स्‍टील के वेस्ट बोकारो डिवीजन के वरिष्ठ नेतृत्व ने भाग लिया। मांडू के विधायक जय प्रकाश भाई पटेल, उपायुक्त, सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार, बीडीओ सुधीर प्रकाश, सीओ जय कुमार राम, एमओआईसी डॉ नितेश कुमार की उपस्थिति में सामुदायिक केंद्र का उद्घाटन किया। इस अवसर पर अनुराग दीक्षित (महाप्रबंधक, वेस्ट बोकारो डिवीज़न), सत्यनारायण नंदी (हेड, इन्फ्रास्टृक्चर, टाटा स्टील फाउंडेशन) भी उपस्थित थे।

टाटा स्‍टील फाउंडेशन के सीईओ सौरव रॉय ने कहा, ‘मांडू में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का नवीनीकरण टाटा स्टील फाउंडेशन के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह मातृ और नवजात मृत्यु दर, गैर-संचारी और वेक्टर जनित रोगों, मोतियाबिंद सर्जरी आदि जैसे क्षेत्रों में झारखंड सरकार के साथ सहयोग करके सकारात्मक सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों के लिए हमारी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाता है। हम समुदायों के आभारी हैं कि वे हम पर भरोसा करते हैं।

सिविल सर्जन डॉ प्रभात कुमार ने कहा, ‘मैं टाटा स्टील फाउंडेशन के सभी सिविल इंजीनियरों और जिला प्रशासन के समर्थन के लिए आभारी हूं, जिन्होंने परिसर को इतनी अच्छी तरह से पुनर्निर्मित किया है। मैंने व्यक्तिगत रूप से इस जगह की निगरानी की है। छत का शीर्ष जर्जर हो गया था। टाटा स्टील फाउंडेशन के सिविल इंजीनियरों ने स्वास्थ्य सेवा की बेहतरी के प्रति महान विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता दिखाई है। टाटा स्टील फाउंडेशन द्वारा चल रहे मोतियाबिंद शिविर को क्षेत्र में एक बड़ी सफलता मिली है।’