बुकर के लिए पहली बार शॉर्टलिस्ट किया गया कोई हिंदी उपन्यास, गीतांजलि श्री की इस किताब ने बनाई जगह

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नई दिल्ली। हिंदी साहित्य के लिए अच्छी खबर है। जानी मानी लेखिका गीतांजलि श्री का उपन्यास ‘रेत समाधि’ अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज के लिए शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है। पहली बार है जब बुकर पुरस्कार की दौड़ के लिए अंतिम 6 किताबों में कोई हिंदी उपन्यास शामिल है।

इंटरनेशनल बुकर प्राइज हर साल किसी ऐसी किताब को दिया जाता है जिसका अंग्रेजजी में अनुवाद किया गया हो और जो आयरलैंड या ब्रिटेन में प्रकाशित हुई हो। गीतांजलि श्री के उपन्यास का अंग्रेजी में अनुवाद डेजी रॉकवेल ने किया है।

क्या है कहानी:

‘रेत समाधि’ उत्तर भारत की एक 80 साल की वृद्ध महिला की कहानी है जो अपने पति की मौत के बाद तनाव में चली जाती है और एक नया जीवन शुरू करना चाहती है।