रांची। पूरे कोल इंडिया में एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) लागू हो गई। इसका शुभारंभ केंद्रीय कोयला, खान मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बुधवार को नई दिल्ली में किया। इसके साथ ही अनुषंगी कंपनियों एवं इकाइयों सहित पूरे कोल इंडिया में ईआरपी ने कार्य करना शुरू कर दिया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जोशी ने ‘फ्यूलिंग इंडियाज एनर्जी नीड्स’ नामक पुस्तक का विमोचन भी किया। यह पुस्तक कोल इंडिया द्वारा सतत विकास के लिए किए जा रहे कार्यों का संकलन है। कार्यक्रम में कोयला एवं खान राज्य मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे, कोयला सचिव डॉ अनिल कुमार जैन एवं कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल सहित अन्य आला अधिकारी उपस्थित थे।
डेटा इंटेग्रिटी को बढ़ावा मिलेगा
ईआरपी, विभिन्न सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) मॉड्यूल के जरिये संस्थान के कार्यों को पूरा करने का एक प्रभावशाली माध्यम है। इसके इस्तेमाल से कोल इंडिया में डेटा इंटेग्रिटी को बढ़ावा मिलेगा। कंपनी के खर्चों में कमी आएगी, जिससे कंपनी के बिजनेस परफॉर्मेंस एवं विकास को नई ऊंचाई मिलेगी। कंपनी को माइनिंग सेक्टर की एक ग्लोबल कंपनी के रूप में मजूबती से स्थापित होने में मदद मिलेगी।
ईआरपी के 7 मॉड्यूल लागू
कोल इंडिया ने अपने कार्यों को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए ह्यूमन कैपिटल मैनेजमेंट (एचसीएम), सेल्स एवं डिस्ट्रिब्यूशन (एसडी), प्रोडक्शन एंड प्लानिंग (पीपी), प्लांट मेंटेनेंस (पीएम), प्रोजेक्ट सिस्टम (पीएस), मटीरियल मैनेजमेंट (एमएम) एवं फाइनैंस एंड कंट्रोल (एफआईसीओ) नामक ईआरपी के 7 मॉड्यूल लागू किए हैं।
कंपनी की उत्पादकता बढ़ेगी
ईआरपी लागू किए जाने से पहले कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों और इकाइयों ने अपने कार्यों को पूरा करने के लिए स्थानीय स्तर पर अपनी कार्य प्रणाली लागू की थी। इनमें एकरूपता नहीं थी। अब पूरे कोल इंडिया के लिए एक ईआरपी लागू होने से समय पर सटीक एवं रीयल टाइम डेटा उपलब्ध होगा, जिससे कामकाज में तेजी आएगी। प्रबंधन विभिन्न विषयों पर तेजी से निर्णय ले पाएगा। नतीजे और बेहतर होंगे। इससे कंपनी की उत्पादकता बढ़ेगी। प्रक्रियाएं ज्यादा पारदर्शी होंगी।
ईआरपी दो चरणों में लागू
गौरतलब है कि कोल इंडिया में ईआरपी दो चरणों में लागू हुआ है। पहले चरण में इसे कोल इंडिया मुख्यालय और डब्ल्यूसीएल एवं एमसीएल में लागू किया गया था। दूसरे चरण में इसे बाकी अनुंषंगी कंपनियों एसईसीएल, एनसीएल, सीसीएल, ईसीएल, बीसीसीएल एवं सीएमपीडीआई में लागू किया गया है। ‘टेक महिन्द्रा’ पहले चरण की इंप्लिमेंटेशन पार्टनर थी। ‘एक्सेंचर’ दूसरे चरण की इंप्लिमेंटेशन पार्टनर है। कोल इंडिया ने ईआरपी प्रोजेक्ट को तय समय से करीब 15 महीने पहले ही पूरा कर लिया है। इस प्रोजेक्ट को पूरे कोल इंडिया में लागू किए जाने के लिए 51 महीने का समय तय था।