शहीदों को श्रद्धांजलि देकर बोले केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, लिपिबद्ध किया जा रहा खरसावां गोलीकांड

झारखंड देश
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सरायकेला। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि झारखंड के सरायकेला जिले के खरसावां के शहीद स्थल की विशेष पृष्ठभूमि रही है। यहां बड़ी संख्या में आदिवासी समुदाय के लोगों ने बलिदान दिया है। ऐसे ही देश के विभिन्न क्षेत्रो में आदिवासी समुदाय के लोगों ने कहीं देश के लिए, तो कहीं जल-जंगल-जमीन के लिए अपने प्राणों की आहुति दी है।

खरसावां गोलीकांड (1 जनवरी 1948) समेत देश के अलग-अलग ऐतिहासिक घटनाओं को लिपिबद्ध किया जा रहा है। उनका मंत्रालय आदिवासी बच्चों के लिए हर प्रखंड में एकलव्य विद्यालय खोलेगा। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में स्कॉलशिप भी देगा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए ये बातें कहीं।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि खरसावां गोलीकांड में आदिवासी रणबांकुरों ने जीवन की आहुति देकर इतिहास रचा है। पहली बार भारत सरकार ने आदिवासी गौरव दिवस मनाकर आदिवासियों के बलिदान को सम्मान दिया है। देश के आदिवासियों के स्वाभिमान, परम्परा व संस्कृति को बनाये रखने के लिए यह अभूतपूर्व कदम है। हमारा अतीत भी स्वर्णिम रहा है, उसी के आधार पर स्वर्णिम भविष्य बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय जनजाति विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धांजलि सिर्फ का विषय नहीं होना चाहिए। दिल से होना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि उनके मुख्यमंत्रित्व काल में खरसावां शहीद स्थल में पार्क का निर्माण कराया गया था। आगे भी इसके विकास के लिए काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शहीद बेदी पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद जनहित में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। उनका मंत्रालय आदिवासी बच्चों के लिए हर प्रखंड में एकलव्य विद्यालय खोलेगा। इसके साथ ही उच्च शिक्षा में स्कॉलशिप भी देगा. पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ खरसावां के खेलारीसाही स्कूल मैदान से करीब दो किलोमीटर पद यात्रा कर वे शहीद बेदी पहुंचे थे।

इस मौके पर पूर्व विधायक लक्षमण टुडू, पूर्व विधायक मंगल सिंह सोय, शशिभूषण समाड, बड़कुंवर गागराई, जेबी तुबिद, विजय महतो, उदय सिंहदेव, विजय महतो, पूर्व विधायक मंगल सोय, लक्ष्मण टुडू, रामनाथ महतो, विश्वजीत प्रधान, मुजाहिद खान, गणेश महली, शकुंतला महली, प्रदीप सिंहदेव, डुमू गोप, दुलाल स्वांसी, लखी राम मुंडा, रमेश हांसदा, मंगल सिंह मुंडा, होपना सोरेन, संजय सरदार समेत अन्य शामिल थे।