शिक्षा सचिव के समक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने उठाये प्रोन्नति से लेकर तबादले के बिंदु

झारखंड
Spread the love

रांची। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव राजेश शर्मा ने बुधवार को प्रदेश के सभी शिक्षक संगठनों के शिष्टमंडल के साथ बैठक की। इस दौरान विभिन्‍न मुद्दों पर उन्‍होंने चर्चा की। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संयोजक आशुतोष कुमार, सह संयोजक विजय बहादुर सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी अरुण कुमार दास, रांची जिला अध्यक्ष सुनील कुमार भी इसमें शामिल हुए।

शिष्‍टमंडल ने शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से पूर्णरूपेण अलग रखते हुए सिर्फ और सिर्फ शैक्षणिक कार्यों में ही लगाए रखे की बात कही। उन्‍होंने कहा कि इस कोरोना संक्रमण काल में छात्रों में हुई शैक्षणिक गिरावट को इससे ही उठाया जा सकता है। चर्चा के क्रम में रखें गये बिंदुओं पर सचिव ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

बैठक में इन बिंदुओं को रखा गया

राज्य के सभी प्राथमिक शिक्षकों की सभी ग्रेडों में लंबित प्रोन्नति को विभागीय ज्ञापांक 619, दिनांक 26 /08/2021 के अनुरूप भूतलक्षी प्रभाव से देने की त्वरित कार्रवाई की जाए।

राज्य के सभी कर्मचारी एवं पदाधिकारियों के समान एकरूपता कायम करते हुए 10, 20 एवं 30 वर्ष के अंतराल में कालबद्ध प्रोन्नति दिया जाए।

झारखंड गठन को 21 वर्ष गुजर जाने के उपरांत भी राज्य के शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली नहीं बनाई गई। परिणामतः शिक्षकों का सेवा कैडर भी आज तक निर्धारित नहीं किया गया है, ना ही प्रोन्नति नियमावली बनाई जा सकी है। आज भी संयुक्त बिहार के समय बनाई गई प्रोन्नति नियमावली-1993 को ही तोड़जोड़ कर नियमों की पेंच में फंसाने का काम किया जा रहा है, यह आज बिहार में भी अप्रासंगिक हो चुका है।

वर्षों गुजर जाने के बाद भी अभी तक शिक्षकों की सेवा संपुष्टि नहीं की जा सकी है। कई शिक्षक बिना सेवा संपुष्टि के ही सेवानिवृत हो रहे हैं।

कई एक शिक्षक अपने प्रथम पदस्थापन काल से पूरी सेवा अवधि में एक ही विद्यालय में कार्य करने को मजबूर हो चुके हैं। जो जिले के सुदूरवर्ती विद्यालयों में है, वह सेवानिवृति तक वहीं हैं। जो शहरी क्षेत्र के विद्यालय में हैं, वह शिक्षक आजीवन शहरी क्षेत्र में ही पदस्थापित रहते हैं। इसका एकमात्र कारण सेवा नियमावली का अभाव है।

छठे वेतन आयोग के अनुरूप आज भी शिक्षकों को देय उत्क्रमित वेतनमान का लाभ नहीं मिला है। यह शिक्षकों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया है। सचिवालय कर्मियों को विशेष रूप से उत्क्रमित वेतनमान का लाभ दे दिया गया है।