जमशेदपुर। टाटा स्टील ने ‘इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज’ मना कर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए वैश्विक कार्यवाही का आह्वान किया। इस अवसर पर 07 सितंबर को ’राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम में मदद के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी’ विषय पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें 250 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ सच्चिदा नंद त्रिपाठी (जेसी बोस फेलो) और अर्जुन देव जुनेजा (आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर) ने कहा कि भारत ने 2024 के अंत तक पीएम 2.5 को 30 प्रतिशत कम करने के उद्देश्य से 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम-एनसीएपी) शुरू किया। एनसीएपी तीन स्तंभों पर टिकी हुई है। ‘आंकड़ा व विज्ञान’, ’क्षमता व संस्थान निर्माण’ और ’आर्थिक क्षेत्रों में स्रोतों का शमन’। उन्होंने एनसीएपी के तहत क्षमता निर्माण, स्रोत आरोपण और वायु गुणवत्ता निगरानी के वैकल्पिक तरीके से संबंधित अब तक की प्रगति पर चर्चा की। एनसीएपी के तहत परिकल्पित भविष्य की गतिविधियों पर भी चर्चा की गई।
सत्र में झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। सत्र की अध्यक्षता टाटा स्टील के चीफ (इन्वायर्नमेंट मैनेजमेंट) डॉ अमित रंजन चक्रवर्ती ने की।
वायु प्रदूषण पृथ्वी की जैव विविधता, जलवायु और पारिस्थितिक तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, जो बदले में मानव जीवन को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। कई कारकों में से, औद्योगीकरण हमारे प्राकृतिक संसाधनों के प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों में से एक रहा है। इसके कारण लाखों अकाल मृत्यु और गंभीर स्वास्थ्य विकार उत्पन्न हुए हैं। इसलिए, इस मुद्दे को हल करने और पर्यावरण व जीवन की गुणवत्ता में सुधार के तरीकों के साथ लोगों को आगे आने का आह्वान करने के लिए प्रतिवर्ष ‘इंटरनेशनल डे ऑफ क्लीन एयर फॉर ब्लू स्काइज’ मनाया जाता है।
वर्तमान महामारी के बीच इस वर्ष का इस दिवस का विषय ‘स्वस्थ वायु, स्वस्थ ग्रह’ है। विषय को ध्यान में रखते हुए, यूएनईपी जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान केंद्रित करेगा।