ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए दवाओं के उत्पादन पर जोर, अब इतने रुपये में मिलेगी दवा

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नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के मामले कम हो रहे हैं तो दूसरी तरफ देश में ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ रहा है। इसके मरीज कई शहरों में मिलने लगे हैं और कई जगहों पर इसकी संख्या में इजाफा हो रहा है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री संतेंद्र जैन ने बताया है कि हर दिन दिल्ली में ब्लैक फंगस के 70 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं।

ब्लैक फंगस यानि म्यूकरमाइकोसिस के इलाज में लाई जाने वाली दवा एम्फोटेरिसिन बी इमल्शन इंजेक्शन ( Amphotericin B Emulsion) की कमी को लेकर भी राज्य सरकार लगातार केंद्र से शिकायत कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस दवा के निर्माण को लेकर काम शुरु किया और वर्धा में नेटिक लाइफ साइंसेज में इसका निर्माण का काम शुरू किया गया। इस इंजेक्शन के निर्माण और वितरण को लेकर गडकरी ने बताया कि सोमवार से इसका वितरण शुरू किया जा रहा है एक इंजेक्शन के शीशी की कीमत 1200 रुपये होगी।

केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस से निपटने के लिए दवाओं की कमी को दूर करने पर जोर दिया है। इस दवा के निर्माण के लिए पहले एक ही कंपनी के पास इजाजत थी लेकिन अब कई दूसरी कंपनियों को भी दवा बनाने की इजाजत दी गयी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अधिकारियों को भी निर्देश दिया है देश में उत्पाद बढ़ाने के साथ – साथ दुनिया के किसी भी कोने में अगर इसकी दवा मिलती है तो उसे भारत लाने पर फोकस किया जाना है। केंद्र सरकार ने पांच और कंपनियों को एंफोटेरेसिरिन बी बनाने का लाइसेंस दे दिया है ताकि दवा के उत्पादन में तेजी लायी जा सके। कई जगहों पर दवा की कमी को लेकर केंद्र से शिकायत की गयी है।