पलामू। एशिया प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व (पीटीआर) के इलाके में रेडियो कॉलरिंग के माध्यम से हाथियों की निगरानी की जाएगी। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पलामू टाइगर रिजर्व प्रशासन की ओर से कैपेसिटी बिल्डिंग पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
इस वर्कशॉप में तमिलनाडु फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के वैटनरी सर्विस से रिटायर एडिशनल डायरेक्टर डॉ. एनएस मनोहरन ने कर्मियों को हाथियों की निगरानी से संबंधित कई टिप्स दिए। पीटीआर की ओर से रेडियो कॉलरिंग से संबंधित एक प्रस्ताव विभाग को भेजा है। वहीं रेडियो कॉलरिंग के जरिए छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों में हाथियों की निगरानी की जा रही है।
वर्कशॉप में दी गई यह जानकारी
वर्कशॉप में पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मुकेश कुमार सहित कई आलाधिकारी उपस्थित थे। पलामू टाइगर रिजर्व करीब 1129 वर्ग किलोमीटर में फैला है, जो बाघों के लिए प्रसिद्ध है। लेकिन इस इलाके में 150 से 200 के करीब हाथी भी रहते हैं। ये हाथी कभी-कभी रिहाइशी इलाके में घुस कर उत्पात मचाते हैं। इसलिए हाथियों पर निगरानी के लिए पीटीआर प्रबंधन ने नए सिरे से तैयारी शुरू की है। इसी कड़ी में वर्कशॉप का आयोजन किया गया है।
वर्कशॉप के बाद रेडियो कॉलरिंग की योजना को धरातल पर उतारने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। पीटीआर अधिकारी ने बताया कि रेडियो कॉलरिंग के माध्यम से हाथियों के एक-एक गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है। हाथी किस इलाके में है, इसकी जानकारी जीपीएस के जरिए विभागीय अधिकारियों को मिल जाएगी।