चाकुलिया पहुंची टाटा स्टील फाउंडेशन और शंकर नेत्रालय की चलंत स्वास्थ्य सेवा

झारखंड सेहत
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चाईबासा। सामुदायिक सेवा पहल के तहत टाटा स्टील फाउंडेशन ने शंकर नेत्रालय के सहयोग से 19 दिसंबर से मोतियाबिंद का निःशुल्क ऑपरेशन शिविर शुरू किया। इस शिविर का उद्देश्य दूर-दराज के गांवों में मोतियाबिंद से पीड़ित वृद्ध लोगों तक पहुंचना और उनकी नेत्र-ज्योति को वापस बहाल करना है।

आईआईटी मद्रास और टाटा ट्रस्ट के सहयोग से शंकर नेत्रालय, चेन्नई द्वारा विकसित मोबाइल आई सर्जिकल यूनिट (एमईएसयू-मेसू) के माध्यम से दूरदराज के गांवों के लिए मोतियाबिंद की यह सर्वोत्तम सुविधा पूरी तरह से निःशुल्क प्रदान की जाती है।

बहरागोड़ा विधायक समीर कुमार मोहंती ने सौरव रॉय, चीफ (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी), टाटा स्टील, डॉ अनुज भटनागर, हेड, पब्लिक हेल्थ (कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी), टाटा स्टील समेत टाटा स्टील फाउंडेशन और शंकर नेत्रालय से अन्य लोगों की उपस्थिति में शिविर का उद्घाटन किया।

मेसू का 65वां शिविर के चाकुलिया के एनजे हाई स्कूल में 19 से 28 दिसंबर, 2021 तक  आयोजित किया जा रहा है। नेत्र संबंधित मामलों का पंजीकरण और स्क्रीनिंग 20 दिसंबर, 2021 से 23 दिसंबर, 2021 तक होगा। इसके बाद 24 दिसंबर, 2021 से 28 दिसंबर, 2021 तक सर्जरी की जाएगी। इसके बाद जरूरतमंद मरीजों को काला और पॉवर चश्मा उपलब्ध कराया जायेगा।

इस अवसर पर सौरव रॉय ने कहा, ‘एक संस्थान के रूप में हमने हमेशा स्वास्थ्य देखभाल पर सामुदायिक जागरुकता बढ़ाने, बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने और देश में दृष्टिहीनता के प्रमुख कारणों में से एक मोतियाबिंद के साथ-साथ आंखों की देखभाल के लिए निवारक उपायों पर जोर देने का प्रयास किया है। 2016 से हमने झारखंड के ग्रामीण इलाकों और टोलों में समुदायों के बीच जा कर 7500 से अधिक मोतियाबिंद सर्जरी की है। हम सौभाग्यशाली रहे हैं कि समुदायों ने हमेशा हमारी यात्रा का अभिन्न अंग रहे राज्य प्रशासन के साथ हम पर अपना विश्वास दोहराया है।‘

टाटा स्टील के परिचालन क्षेत्रों में सितंबर, 2016 से मेसू का संचालन किया जा रहा है। सितंबर, 2016 से नवंबर, 2021 की अवधि के दौरान 64 शिविरों के माध्यम से इसने झारखंड में 7542 मोतियाबिंद सर्जरी सफलतापूर्वक निष्पादित किया है।

‘मेसू’ दूर-दराज के गांवों और आदिवासी क्षेत्रों में मोतियाबिंद के कारण होने वाले अंधेपन से निपटने के लिए एक सुरक्षित और उपयोगी विकल्प है। यह दुर्गम इलाकों में रहने वाले मरीजों को उनके दरवाजे पर ही गुणवत्तापूर्ण नेत्र चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराता है। ‘मेसू’ में एक ग्लास डिस्पेंसिंग यूनिट के साथ दो अन्य यूनिट प्रीपैरेटरी वेहिकल और सर्जिकल वेहिकल शामिल हैं। ये दोनों वाहन स्वतंत्र रूप से अलग चलते हैं और शिविर स्थल पर एक वेस्टिबुल द्वारा जुड़े जाते हैं।