सीएम चंपाई सोरेन बोले-जाट और सिख रेजिमेंट की तरह बने आदिवासी रेजिमेंट

झारखंड
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भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर, कमांडिंग-इन-चीफ रामचंद्र तिवारी ने की शिष्टाचार भेंट

रांची। मंगलवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर, कमांडिंग-इन-चीफ (ईस्टर्न कमांड) और लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने शिष्टाचार मुलाकात की। सीएम ने आदिवासी रेजिमेंट बनाने की अपनी भावना से उन्हें अवगत कराया।

उन्होंने कहा कि इससे देशभर के आदिवासियों को सेना में अलग पहचान मिलेगी। आर्मी की बहाली में राज्य के आदिवासियों को अधिक से अधिक अवसर दिए जाएं। सेना इसके लिए पहल करे। सेना को उन्होंने भरोसा दिया कि पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से झारखंड में इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी के गठन में सरकार पूरा सहयोग करेगी।

सीएम चंपाई सोरेन ने भारतीय सेना के जनरल ऑफिसर रामचंद्र तिवारी से कहा कि जाट रेजिमेंट, बिहार रेजिमेंट, पंजाब रेजिमेंट, सिख रेजिमेंट और मद्रास रेजिमेंट की तर्ज पर आदिवासी रेजिमेंट भी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि आदिवासी रेजिमेंट के गठन से देशभर के आदिवासियों को सेना में अलग पहचान मिल सकेगी।

लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने झारखंड में पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी के गठन का प्रस्ताव रखा। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में सेना द्वारा प्रस्ताव मिलने पर सरकार पूरा सहयोग करेगी।

सेना के इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी में भूतपूर्व सैनिक होते हैं, जो पर्यावरण के लिए कार्य करते हैं। झारखंड में इकोलॉजिकल टेरिटोरियल आर्मी के गठन से पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में सेना भी बड़े स्तर पर अपना योगदान दे सकेगी। खासकर इस राज्य के भौगोलिक परिवेश को देखते हुए जंगलों और खनन क्षेत्र में वृक्षारोपण और अन्य माध्यमों से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा।

मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि भारतीय सेना में झारखंड के आदिवासी युवा अपनी सेवा देते आ रहे हैं। आर्मी बहाली में यहां के आदिवासियों को और ज्यादा से ज्यादा अवसर मिले। सेना आदिवासियों को आगे लाने की दिशा में पहल करे।

लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने मुख्यमंत्री को भरोसा दिलाया कि इस दिशा में सेना की स्थानीय जीओसी के माध्यम से आदिवासियों को सेना बहाली के योग्य तैयार करने के लिए प्रशिक्षण समेत अन्य सभी सहयोग किया जाएगा।

लेफ्टिनेंट जनरल रामचंद्र तिवारी ने डूरंड कप फुटबॉल प्रतियोगिता के आयोजन में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सहयोग के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया। उन्होंने बताया कि डुरंड कप (प्रेसिडेंट कप) एशिया की सबसे पुरानी और विश्व की दूसरी सबसे पुरानी फुटबॉल प्रतियोगिता है। इस बार जमशेदपुर की मेजबानी में इस प्रतियोगिता का आयोजन होना है, जिसमें राज्य सरकार हर स्तर पर सहयोग कर रही है।

इस मौके पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, लेफ्टिनेंट जनरल राजेंद्र पुरी, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, मेजर जनरल परमवीर सिंह डागर, कर्नल वीएस आडकर और मेजर जनरल एमपी सिंह मौजूद थे।