बिहार स्कूल ऑफ योग की ओर से सिखाया जा रहा है योग शुद्ध योग : प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार
रांची। स्वामी निरंजनानंद सरस्वती जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में योग मित्र मंडल, रांची की ओर से वेबिनार का आयोजन किया गया। वेबिनार के मुख्य वक्ता थे मानव रचना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार। डॉ राजेश ने स्वामी निरंजनानंद सरस्वती के जीवन के बारे विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने बताया कि, स्वामी निरंजनानन्द सरस्वती का जन्म 14 फ़रवरी 1960 में मध्य प्रदेश के राजनादगांव में हुआ था। स्वामी निरंजनान्द, सत्यानन्द सरस्वती के शिष्य एवं उत्तराधिकारी हैं। स्वामी सत्यानन्द सरस्वती ने ‘सत्यानन्द योग’ का प्रवर्तन किया था। स्वामी सत्यानन्द ने सन 1988 में सम्पूर्ण विश्व के सत्यानंद योग से सम्बन्धित कार्यों के समन्वय का कार्य स्वामी निरंजनानन्द को सौंप दिया था।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले स्वामी निरंजनानन्द से देवघर में मिले थे। स्वामी निरंजन के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि, स्वामी जी एक परफेक्ट शिष्य हैं, उनका उनके गुरु के प्रति निष्ठा, उपासना कमल की है। उनके दर्शन मात्र से ही हमारे अंदर रोमांस पैदा होता है।
डॉ. राजेश ने स्वामी निरंजन के साथ बिताए हुए अनुभव को सभी के साथ साझा किया। बताया कि, बिहार स्कूल ऑफ योग के द्वारा सिखाया जा रहा है योग शुद्ध योग है और स्वामी जी के द्वारा बनाए गए कार्यक्रम पूरी तरह से परिपूर्ण होते हैं। उन्हें प्रेम अवतार भी कहा जाता है।

इससे पहले योग मित्र मंडल रांची के अध्यक्ष आर के कटारिया ने स्वागत भाषण दिया और बताया योग मित्र मंडल की शुरुआत सन 2009 में हुई थी। सुधीर वर्मा ने शिवानंद मंगलम का पाठ किया। कार्यक्रम का संचालन मनीष और धन्यवाद ज्ञापन योग मित्र मंडल की सचिव डॉक्टर परिणीता सिंह ने दिया। कार्यक्रम में राजेश, संतोषी, शुभम के अलावा कई और लोगों की सहभागिता थी। वेबिनार में झारखंड के कई जिलों से लोग जुड़े थे।