भारत मौसम विभाग ने बताया, इस वर्ष कैसा रहेगा मॉनसून, जानें

नई दिल्ली देश मौसम
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नई दिल्‍ली। भारत मौसम विभाग ने वर्ष, 2025 के दौरान पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के बारे में बताया है। विभाग के अनुसार इस वर्ष दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (जून से सितंबर) सामान्य से अधिक ( दीर्घ अवधि औसत (एलपीए) का 104 प्रतिशत से अधिक) वर्षा होने की संभावना है।

विभाग के अनुसार वर्तमान में, भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में तटस्थ अल नीनो-दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) की स्थिति व्याप्त है। हालांकि, वायुमंडलीय परिसंचरण की विशेषताएं ला नीना की स्थितियों के समान हैं। नवीनतम मॉनसून मिशन जलवायु पूर्वानुमान प्रणाली (एमएमसीएफएस) के साथ-साथ अन्य जलवायु मॉडल पूर्वानुमान संकेत देते हैं कि मॉनसून के मौसम के दौरान तटस्थ ईएनएसओ की स्थिति जारी रहने की संभावना है।

वर्तमान में, हिंद महासागर के ऊपर तटस्थ हिंद महासागर द्विध्रुव (आईओडी) स्थितियां मौजूद हैं। नवीनतम जलवायु मॉडल पूर्वानुमान से संकेत मिलता है कि दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के मौसम के दौरान तटस्थ आईओडी स्थितियां जारी रहने की संभावना है।

पिछले तीन महीनों (जनवरी से मार्च, 2025) के दौरान उत्तरी गोलार्ध और यूरेशिया के बर्फ कवर क्षेत्र सामान्य से कम थे। उत्तरी गोलार्ध के साथ-साथ यूरेशिया में सर्दियों और वसंत के दौरान बर्फ पड़ने का विस्तार आम तौर पर बाद के भारतीय ग्रीष्मकालीन मॉनसून वर्षा के साथ विपरीत सम्बंध रखता है। मौसम विभाग मई 2025 के अंतिम सप्ताह में मॉनसून के लिए अद्यतन पूर्वानुमान जारी करेगा।

गतिशील और सांख्यिकीय दोनों मॉडलों पर आधारित पूर्वानुमान से पता चलता है कि मात्रात्मक रूप से, मॉनसून मौसमी वर्षा दीर्घावधि औसत की 105 प्रतिशत होने की संभावना है। औसत (एलपीए) ± 5 प्रतिशत की मॉडल त्रुटि के साथ। 1971-2020 की अवधि के लिए पूरे देश में मौसमी वर्षा का एलपीए 87 सेमी है ।

वर्ष 2025 के दौरान दक्षिण-पश्चिम मॉनसून वर्षा के लिए एमएमई पूर्वानुमान, युग्मित जलवायु मॉडलों के एक समूह की अप्रैल की प्रारंभिक स्थितियों के आधार पर तैयार किया गया है, जिनमें भारतीय मॉनसून क्षेत्र के सम्बंध में उच्च पूर्वानुमान क्षमता है।

वर्ष 2025 के दौरान (जून से सितंबर) वर्षा के लिए तीन श्रेणियों (सामान्य से अधिक, सामान्य और सामान्य से कम) के संभाव्य पूर्वानुमानों का स्थानिक वितरण चित्र 1 में दिखाया गया है। स्थानिक वितरण से पता चलता है कि उत्तर-पश्चिम, पूर्वोत्तर और दक्षिण प्रायद्वीपीय के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक मौसमी वर्षा होने की संभावना है, जहां सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है। भूमि क्षेत्र के भीतर सफ़ेद रंग के छायांकित क्षेत्र वर्षा की सभी तीन श्रेणियों के लिए समान संभावनाओं वाले मॉडल से कोई संकेत नहीं दर्शाते हैं।

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