रांची। पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पूरे देश में आदर व हर्ष के साथ मंगलवार को मनायी गयी। इस क्रम में झारखंड प्रदेश बीजेपी युवा मोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रिंस कुमार ने भी पंडित उपाध्याय की तस्वीर पर पुष्पांजलि देकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय एक प्रमुख विचारक, समाज सुधारक और राष्ट्रवादी नेता एवं अन्त्योदय विचार दर्शन के प्रणेता थे। अंत्योदय यानी सामज के गरीब से गरीब का कल्याण।
मीडिया से बातचीत के दौरान भाजपा युवामोर्चा के प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रिंस कुमार ने कहा कि राष्ट्रवादी विचारक एवं चिंतन दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर हम उनको सादर नमन करते हैं। पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने 1950 के दशक में नीति निर्धारण में समाज के गरीब से गरीब के कल्याण का दर्शन दिया। उनके विचार थे कि सरकार में बैठे नीति– निर्माताओं को कोई भी नीति बनाते समय यह विचार करना चाहिए कि यह नीति समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति यानी सबसे गरीब व्यक्ति का क्या भला करेगी?
हमारा सौभाग्य है कि वर्तमान में इसी मंत्र का पालन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार कर रही है। ‘अंत्योदय’ दीनदयाल के अंतः करण की आवाज़ थी। इसका प्रमुख कारण था उनके द्वारा बचपन से ही गरीबी और अभाव को जीना। दीनदयाल मानते थे कि समस्त जीवन का अंगोपांग, समुदाय या व्यक्ति पीड़ित रहता है तो वह समग्र यानी विराट पुरुष को विकलांग करता है।
इसलिए सांगोपांग समाजिक-जीवन की आवश्यक शर्त है अन्तोदय। मनुष्य की एकात्मता तब आहत हो जाती है जब उसका कोई घटक समग्रता से पृथक पड़ जाता है। इसीलिए समाज के योजकों को अंत्योदयी होनी चाहिये। दीनदयाल ने एकात्म मानव के अंत्योदय दर्शन को अपने व्यवहार में जीया। उन्होंने कहा कि भारत का विकास केवल आर्थिक प्रगति तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि समाज और संस्कृति के संतुलित विकास पर भी ध्यान देना चाहिए।
राष्ट्र की प्रगति व्यक्ति की समग्र उन्नति से ही संभव है। उन्होंने भारतीय संस्कृति को राष्ट्र की आत्मा बताया और कहा कि हमारी नीतियाँ भारतीय जीवन मूल्यों पर आधारित होनी चाहिए। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जीवन और विचार भारतीय राजनीति और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण धरोहर हैं। “एकात्म मानववाद” और “अंत्योदय” का उनका सिद्धांत आज भी सामाजिक और आर्थिक नीति-निर्माण में मार्गदर्शक बना हुआ है। उनकी राष्ट्रभक्ति, सादगी और समाज सेवा की भावना वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायक है।
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