‘हांगझू की उड़ान’ कार्यक्रम में एक्सीलिया स्कूल के बच्चों ने दीं शुभकामनाएं
लखनऊ। भारत की पैराबैडमिंटन टीम चीन के हांगझू में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में कम से कम 15 से अधिक पदक जीतेगी। इसमें कम से कम 5 स्वर्ण पदक तो होने ही चाहिए। ये कहना है आत्मविश्वास से भरे भारत के पैराबैडमिंटन के राष्ट्रीय कोच गौरव खन्ना का।
मौका था एक्सीलिया स्कूल में शनिवार को आयोजित गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी के पैराबैडमिंटन खिलाड़ियों के लिए ‘हांगझू की उड़ान’ कार्यक्रम का। बच्चों के शुभकामना संदेशों से अभिभूत गौरव खन्ना ने उम्मीद जताई कि हांगझू के एशियाई पैरा खेलों में भारतीय पैराबैडमिंटन खिलाड़ियों को अभूतपूर्व सफलता मिलेगी।
एक्सीलिया स्कूल के बच्चों ने इस विदाई समारोह में खिलाड़ियों से खूब सवाल पूछे। टोक्यो पैरालंपिक खेलों के कांस्य पदक विजेता मनोज सरकार ने कहा कि हांगझू की चुनौती भी कुछ विशेष ही होगी। उन्होंने कहा कि फर्क बस इतना है कि जब आप ओलंपिक में पदक के लिए जोर लगा रहे होते हैं, तो वहां पूरे विश्व से खिलाड़ी जोर आजमाइश कर रहे होते हैं और एशियाई पैरा खेलों में एशिया के खिलाड़ी।
एक्सीलिया में पढ़ाई के साथ खेलने के सवाल पर 12वीं में पढ़ रही नित्या श्री ने कहा कि सबके सहयोग से यह संभव हो पाता है। वहीं एसएच वर्ग में उनकी युगल की साथी एमबीबीएस डॉक्टर रचना पटेल ने कहा कि जब खुद को साबित करना हो और आप में जुनून हो, तो बाकी चीजें बेमानी हो जाती हैं।
वहीं व्हील चेयर स्पर्धा की कठिनाइयों पर यूपी सरकार से लक्ष्मण पुरस्कार प्राप्त अबू हुबैदा ने कहा कि भारत अब अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर इस स्पर्धा में भी पूरी मजबूती से प्रदर्शन कर रहा है। उन्होंने बताया कि कैसे हम पहले भारी व्हीलचेयर के साथ खेला करते थे, मगर इसमें अब कुछ सुधार हुआ है।
वहीं उनके अन्य साथी शशांक कुमार ने एक सवाल के जवाब में कहा कि रैकेट और व्हीलचेयर के बीच पहले सामंजस्य बैठाना काफी चुनौतीपूर्ण लगता था, मगर निरंतर अभ्यास और हौसले से कब यह कठिनाई असान हो गई पता ही नहीं लगा।
इस अवसर पर हांगझू जा रही एशियाई पैराबैडमिंटन टीम में शामिल मंदीप कौर, पलक कोहली, चिराग बरेठा, राजकुमार, प्रेम कुमार अले, सान्थिया विश्वनाथन, शिवराजन, गोकुल दास, आकाश माधवन और सहायक कोच जॉय गुप्ता व नीलेश गायकवाड़ भी मौजूद रहे और उन्होंने बच्चों के सवालों के बेधड़क जवाब दिये।
खिलाड़ियों ने कहा कि पैरा खिलाड़ी होने के कारण उन्हें खुद की चोटों से जूझने के साथ-साथ लगातार सकारात्मकता बनाये रखनी पड़ती है और हम सभी एक-दूसरे से प्रेरणा हासिल करते रहते हैं।
इस मौके पर एक्सीलिया स्कूल के निदेशक आशीष पाठक, श्रीमती शालिनी पाठक, प्रधानाचार्या श्रीमती प्रियंका दूबे, श्रीमती रोली पांडे, महाप्रबंधक शेखर वार्ष्णेय, एक्सीलिया स्पोर्ट्स अकादमी के प्रमुख प्रवीण पांडे, गौरव खन्ना एक्सीलिया बैडमिंटन अकादमी के प्रशिक्षु व खिलाड़ी और एक्सीलिया स्कूल के छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।