Bihar : बीपीएससी में नियोजित शिक्षकों का जलवा, माध्यमिक में गणित के स्टेट टॉपर बने निगम कुमार झा

बिहार देश
Spread the love

पटना (Bihar)। बीपीएससी की शिक्षक भर्ती में नियोजित शिक्षकों का जलवा बरकरार है। गणित विषय में टॉपर सुल्तानगंज प्रखंड के नियोजित शिक्षक निगम कुमार झा बने। इस परीक्षा में 63 हजार नियोजित शिक्षकों ने अप्लाई किया था। उसमें से 42 हजार सफल हुए हैं।

प्रारंभिक विद्यालय में कार्यरत नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी द्वारा आयोजित माध्यमिक शिक्षक भर्ती में भी बड़ी संख्या में सफलता प्राप्त की है। कई विषयों में नियोजित शिक्षक टॉपर भी बने हैं। टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू सिंह और प्रदेश अध्यक्ष संजीत भारती ने कहा कि प्रारंभिक विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों ने अपग्रेड होने के लिए माध्यमिक विद्यालय के लिए बीपीएससी की ओर से आयोजित परीक्षा में शामिल हुए थे। उनमें से अधिकांश ने सफलता प्राप्त की है।

नेताओं ने गणित विषय में राज्य भर में प्रथम स्थान प्राप्त करने के लिए भागलपुर जिला के नियोजित शिक्षक निगम कुमार झा को बधाई दी। निगम कुमार टीईटी पास नियोजित शिक्षक हैं, जो भागलपुर जिला के सुल्तानगंज प्रखंड के मध्य विद्यालय, नयागांव में पदस्थापित हैं।

प्रदेश संयोजक राजू सिंह ने कहा कि समान ग्रेड में बहाली के लिए शिक्षक संगठनों द्वारा बीपीएससी परीक्षा का बहिष्कार किया था। उच्चतर ग्रेड में अपग्रेड होने के लिए जिन नियोजित शिक्षकों ने आवेदन किया था, उनमें से अधिकांश सफल रहे। बीपीएससी पास करके शिक्षक बनने के लिए बनाई गई अध्यापक नियमावली से पूर्व नियोजित प्रारंभिक शिक्षकों को समान ग्रेड में घाटा था। इसलिए समान ग्रेड में बहाली का बहिष्कार किया गया था।

प्रदेश संयोजक ने कहा कि जिन शिक्षकों ने समान ग्रेड के लिए आवेदन किया, उन्होंने संगठन से गद्दारी की है। अपने भविष्य के साथ भी खिलवाड़ किया है। समान ग्रेड में बीपीएससी पास करने वाले शिक्षकों का वेतन पूर्व में मिल रहे वेतन से कम हो जाएगा। पूर्व में नियोजित शिक्षक के तौर पर की गई सेवा की गणना भी नहीं कि जाएगी। अगर अध्यापक नियमावली संतोषजनक रहती तो अधिकांश पदों पर नियोजित शिक्षक ही बाजी मारते।

राजू सिंह ने कहा कि नियोजित शिक्षकों ने बीपीएससी परीक्षा में अपना परचम फहरा कर यह साबित कर दिया है कि वे मेधा में किसी से कम नहीं हैं। सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों को बिना शर्त राज्यकर्मी का दर्जा देने के बजाय बीपीएसीसी में शामिल होने का अवसर देने से शिक्षित बेरोजगार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय हो रहा है, क्योंकि अधिकांश सीट पर नियोजित शिक्षक ही कब्जा कर रहे हैं। इससे बेरोजगार अभ्यर्थियों की हकमारी भी हो रही है। साथ ही, जिस विद्यालय में नियोजित शिक्षक बहाल थे वहां भी सीट रिक्त हो जा रही है।

सरकार नियोजित शिक्षकों को उनका वाजिब हक अधिकार नहीं देकर शोषण करते रही है। समाज में जान बूझकर बदनाम करते रही है। संगठन के आह्वान पर जो नियोजित शिक्षक बीपीएससी की शिक्षक भर्ती में शामिल नहीं हुए, उनमें अपने भविष्य को लेकर संशय और मायूसी व्याप्त है। सरकार को अविलम्ब सभी नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर विद्यालय अध्यापक के पद पर समायोजित कर उचित सम्मान देना चाहिए।

डोमिसाइल नीति समाप्त कर देने से पूरे देश से अभ्यर्थी बीपीएससी शिक्षक भर्ती में शामिल हुए थे। सबसे अधिक यूपी के शिक्षक अभ्यर्थियों ने सफलता हासिल की है। उनके सफलता का प्रतिशत लगभग 30 है। वहीं बिहार के बेरोजगार अभ्यर्थी तमाशबीन बने हुए हैं। नियोजित शिक्षक और यूपी के अभर्थियों ने बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों के अरमानों पर पानी फेर दिया है।

खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्‍यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार खबरें पढ़ सकते हैं। आपका अपना न्‍यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्‍टाग्राम, x सहित अन्‍य सोशल मीडिया के साथ सीधे गूगल पर जाकर भी जुड़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।