पत्र जारी करने में ऊर्दू स्कूलों की उपेक्षा करता है शिक्षा विभाग : संघ

झारखंड
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  • ग्रीष्‍मकालीन सत्र पूर्व के तरह प्रात: 6.30 से 11.30 तक किया जाय

रांची। झारखंड राज्य ऊर्दू शिक्षक संघ की विशेष बैठक रविवार को हुई। प्रदेश महासचिव अमीन अहमद ने इसकी अध्यक्षता की। मुख्य अतिथि डॉ वकील अहमद रिजवी थे। संघ के सदस्‍यों ने स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के विरुद्ध रोष प्रकट किया।

केंद्रीय महासचिव अमीन अहमद ने बताया कि विभाग की ओर से अधिकतर पत्र ऐसे जारी किये जाते हैं, जिसमें ऊर्दू स्कूलों का ख़्याल नहीं रखा जाता है। शिक्षा सचिव के रवि कुमार द्वारा अत्यधिक गर्मी के मद्देनजर छात्रहित में स्कूलों को बंद करने का निर्णय स्वागत योग्य है। हालांकि अवकाश विस्तार में ऊर्दू स्कूलों की अनदेखी की गई है। स्कूलों को बंद करने के आदेश की दूसरी कड़ी 17 जून को खत्म हो गया।

सदस्‍यों ने कहा कि अवकाश विस्तार का पत्र शनिवार को ही जारी कर देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इससे रविवार को राज्य के सभी ऊर्दू स्कूल खोल दिये गये। छोटे-छोटे बच्चे भी रविवार की चिलचिलाती धूप में स्‍कूल आए। शिक्षा सचिव द्वारा रविवार को पत्र जारी कर 21 जून तक स्कूल बंद रखने का पत्र जारी किया गया। अगर ऊर्दू स्कूलों को ध्यान में रखा जाता तो ये पत्र शनिवार को ही जारी करना चाहिए।

महासचिव ने शिकायत करते हुए कहा कि पहले भी परीक्षा, नामांकन अभियान आदि कार्यक्रमों को जारी करने में भी ऐसी गलती को दोहराई जाती रही है। संघ ने मांग की कि गर्मी कम होने के बाद जब स्कूल खोले जायेंगे, तब ऊर्दू स्कूलों को सामान्य स्कूलों से एक दिन बाद खोल कर भरपाई की जाय। भविष्य में कोई भी पत्र जारी करते समय ऊर्दू स्कूलों में साप्ताहिक अवकाश को ध्‍यान में रखा जाए।

संघ ये भी मांग की कि राज्य के सरकारी विद्यालयों में पूर्व के तरह ग्रीष्मकालीन सत्र प्रात: 6.30 से पूर्वाहन 11.30 तक करने की व्यवस्था को लागू की जाय, ताकि बार-बार विद्यालय बंद करने की नौबत नहीं आये।

बैठक में प्रदेश महासचिव अमीन अहमद, डॉ वकील अहमद रिजवी, प्रदेश प्रवक्ता शहजाद अनवर, रांची जिला अध्यक्ष राकिम अहसन, मो फखरूद्दीन, साजिद इकबाल, साकिर करीम, रबनवाज, अब्दुल बारीक, मो इस्माइल, मोशाहिदा अंजुम, आयरा नसीम, मुसर्रत जहां, शबीना नाज, रौशन जहां, तरन्नुम परवीन, आसमा खातून, जरीना खातून, फिरदौस परवीन आदि मुख्य रूप से मौजूद थे।