BIHAR-JHARKHAND: परिजनों के विरोध के बीच बचपन के प्यार के साथ लिए सात फेरे, जानें अनोखी शादी की दिलचस्प कहानी

बिहार देश
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गया। बचपन का प्यार भूल नहीं जाना…यह गाना बिहार के गया जिले में खूब गाया जा रहा है। दरअसल, प्रेमिका धनबाद ​स्थित अपने घर से 250 किमी चलकर प्रेमी के गांव बिहार के गया पहुंची। यहां उसने अपने बचपन के प्यार संग शादी रचाई। हालांकि परिजन इस शादी का विरोध कर रहे थे, पर उनका विरोध काम नहीं आया। पुलिस की मौजूदगी में प्रेमी युगल की शादी हुई।

मामला गया के कोंच थाने के निसुपुर गांव का है। युवती झारखंड के धनबाद जिले की धर्माबांध बस्ती की रहने वाली अंज​ली है। लड़के का नाम राजू कुमार है। राजू कुमार के दादा सुरेश राम पहले धनबाद में ही रहते थे। परिवार उनके साथ ही रहता था। वहीं अंज​ली और राजू की एक-दूसरे से मुलाकात हुई और छोटी उम्र में ही दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे। कुछ महीने पहले ही राजू अपने पैतृक गांव लौटा है।

दोनों के बीच प्रेम का संबंध इतना गहरा था कि लड़की ने किसी का इंतजार नहीं किया। वह अपने प्रेमी से शादी करने के लिए धनबाद से गया के लिए निकल पड़ी और अपने प्रेमी के घर पहुंचकर अपनी बात रखी। परिजनों ने इसका विरोध किया, पर राजू के दादा सुरेश राम और उनकी दादी देवपड़ी ने दोनों का रिश्ता स्वीकारा। चूंकि दोनों बालिग हैं। इसलिए उनकी शादी नोटरी के माध्यम से कराई और दोनों को पंचानपुर ओपी लेकर पहुंचे।

पुलिस ने उनके आधार कार्ड का वेरिफिकेशन कराया और फिर पुलिस की मौजूदगी में प्रेमी युगल एक दूजे के हो गए। यह शादी थाने के पास स्थित मंदिर में संपन्न हुई। यह अपने आप में एक अनोखी शादी है। इसकी चर्चा पूरे गांव में है। दोनों को बचपन का प्यार मिल गया। प्रेमी युगल ने शादी के बाद पुलिस वालों को शुक्रिया भी कहा।