jharkhand : एकल नोडल बैंक आधारित नई विधि से स्‍कूलों के निकासी और व्‍यय पर रोक, आदेश जारी

झारखंड शिक्षा
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रांची। एकल नोडल बैंक आधारित नई विधि से स्‍कूलों के निकासी और व्‍यय पर रोक लगा दी गई है। इसका आदेश शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने 20 दिसंबर, 2022 को जारी किया। इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी-सह-जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को दी है। प्रखंड स्‍तर पर समीक्षा के क्रम में निर्देशों की अवहेलना का मामला उजागर होने के बाद यह निर्णय लिया गया।

सचिव ने पत्र में लिखा है कि पहले निर्देश दिया गया है कि विद्यालय प्रबंधन समिति/संकुल संसाधन केन्द्र से संबंधित व्यय के लिये विद्यालय के सचिव पीएफएमएस पोर्टल पर भुगतान के लिए विवरणी मेकर के रूप में अपलोड करेंगे। उसे प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी-सह-समन्वयक के द्वारा चेकर के रूप में एप्रूव किया जायेगा। प्रखंड स्तर पर इस भुगतान से संबंधित मुद्रित एडवाइस हस्ताक्षरित कर बैंक को उपलब्ध कराया जायेगा। इसमें प्रखंड के लेखापाल-सह-कम्प्यूटर ऑपरेटर समन्वयन का कार्य करेंगे। लेखा संधारित करेंगे। यह भी निर्देश दिया गया है कि विद्यालयों द्वारा अपलोड किये गये 1 पत्र के भुगतान संबंधी पीएफएमएस को प्रखंड द्वारा तीन दिनों के अन्दर एप्रूव कर भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा।

सचिव ने लिखा है कि पीएफएमएस पोर्टल वर्ष 2011 से ही पूरे राज्य में संचालित है। एकल नोडल बैंक आधारित निकासी एवं व्यय इसी पोर्टल में पूर्व पद्धति के अनुसार ही किये जाने हैं। मात्र एजेंसी को भुगतान के समय एकल नोडल बैंक खाते को सेलेक्ट किये जाने का नया प्रावधान किया गया है। इतनी लंबी अवधि में राज्य कार्यालय द्वारा जिले के लेखा पदाधिकारी, प्रखंड लेखापाल एवं कस्तूरबा विद्यालय के लेखापाल को कई चरणों में प्रशिक्षण भी कराया गया है। निर्देश निर्गत किया गया था कि प्रखंड के लेखापाल सभी विद्यालय के सचिव को इस आशय का प्रशिक्षण देंगे ताकि वे पीएफएमएस पोर्टल पर भुगतान विवरणी अपलोड करने में निपुण हो सके। ऐसा प्रतीत होता है कि प्रखंड के लेखापाल द्वारा विद्यालय के सचिव को प्रशिक्षित नहीं किया गया।

सचिव ने लिखा है कि प्रखंड समीक्षा के क्रम में यह बात संज्ञान में आई है विद्यालय के सचिव एवं प्रखंड के लेखापाल/प्रखंड कार्यक्रम समन्वयक की मिलीभगत एवं आपसी तारतम्य/ सामंजस्य कर विद्यालयों से विपत्र प्राप्त कर प्रखंड कार्यालय में काफी दिनों तक लंबित रखते हैं। अपनी सुविधा से मनमानी तरीके से विपत्र को अपने ही स्तर से पीएफएमएस पोर्टल पर मेकर के रूप में अपलोड कर इसे तुरंत एप्रूव करते हुए भुगतान कर देते हैं, जिससे यह भी पता नहीं चलता कि प्रखंड स्तर पर कितने दिनों तक एडवाइस पारित करने के लिये लंबित रखा गया। यह एक गंभीर वित्तीय निर्देशों की अवहेलना का मामला है।

सचिव ने लिखा है कि अब से निर्गत निदेशों के अनुसार विद्यालय द्वारा पीएफएमएस पोर्टल पर भुगतान विवरणी अपलोड की जायेगी, जिसे प्रखंड स्तर पर एप्रूव कर भुगतान सुनिश्चित कराया जायेगा। भविष्य में इस विधि से हटकर भुगतान किये जाने का मामला संज्ञान में आने पर इसे वित्तीय निकासी/व्यय के निर्देश की अवहेलना मानते हुए संबंधित के विरूद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी। इस मामले में भविष्य में यदि शिक्षक द्वारा निर्धारित तरीके से भुगतान की प्रक्रिया को नजरअंदाज करते हुए विपत्र प्रखंड कार्यालय में जमा करने का मामला प्रकाश में आता है तो उनके विरुद्ध भी अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी।

सचिव ने लिखा है कि प्रखंड के लेखाकर्मी विद्यालय के सचिव को पोर्टल आधारित भुगतान विवरणी अपलोड करने के संबंध में अविलंब प्रशिक्षित करेंगे। इसके लिए जिले में पीएमयू की ओर से कार्यरत सॉफ्टवेयर ट्रेनर / एमआईएस समन्वयक को प्रशिक्षण कार्य के समन्वयन की जिम्मेवारी दी जाय। सभी शिक्षकों का प्रशिक्षण पांच दिनों के अंदर प्रखंड स्तर पर पूर्ण कराया जाय। इसकी विवरणी जिला एवं राज्य कार्यालय को उपलब्ध करायी जाय।

सचि‍व ने लिखा है कि प्रखंड स्तर पर एक शिक्षक को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है, ताकि वे अपने प्रखंड के विद्यालय के सचिव को स्थानीय स्तर पर सहयोग कर सके। इसी परिपेक्ष्य में राज्य कार्यालय द्वारा प्रखंड स्तर पर एक शिक्षक को मास्टर ट्रेनर के रूप प्रशिक्षित करने की योजना तैयार की जा रही है।

प्रखंड स्तर पर एक शिक्षक का नाम, विद्यालय का नाम एवं मोबाईल नंबर राज्य कार्यालय को पत्र प्राप्ति के पांच दिनों के अन्दर उपलब्ध कराया जाय, ताकि प्रशिक्षण की तारीख एवं स्थान निर्धारित कर इनका प्रशिक्षण राज्य कार्यालय की लेखा शाखा के द्वारा सुनिश्चित कराया जा सके। इस आशय से सभी संबंधित विद्यालय के शिक्षकों एवं प्रखंड कार्यालय को अवगत कराया जाय।