टीएसी के निर्णय : नगर निकायों में पुराने प्रावधान रखने की केंद्र को भेजी जाएगी अनुशंसा, जानें अन्‍य फैसले

झारखंड मुख्य समाचार
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  • जनजातीय भाषा में कक्षा 1 से 5 तक अध्ययन के लिए बनेगी नीति

रांची। नगर निकायों में पुराने प्रावधान को यथावत रखने के लिए केंद्र सरकार को अनुशंसा भेजी जाएगी। जनजातीय भाषा में कक्षा 1 से 5 तक के अध्‍ययन के लिए नीति बनेगी। यह निर्णय झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद (टीएसी) की 23 नवंबर को मंत्रालय में हुई बैठक में लिया गया। इसकी अध्‍यक्षता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की।

बैठक में इनकी रही उपस्थिति

अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री-सह-टीएसी के उपाध्यक्ष चम्पाई सोरेन, विधायक-सह-टीएसी सदस्य प्रो स्टीफन मरांडी, दीपक बिरुआ, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, नमन बिक्सल कोनगाड़ी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकू, श्रीमती शिल्पी नेहा तिर्की, मनोनीत सदस्य विश्वनाथ सिंह सरदार, जमल मुंडा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, सचिव के श्रीनिवासन, सचिव केके सोन, सचिव श्रीमती हिमानी पांडे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बैठक में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

1. पर्यावरण और जनजातीय संस्कृति का संरक्षण करते हुए राज्य में परिवेश के अनुकूलन पर आधारित पर्यटन अर्थात Eco-Tourism को बढ़ावा दिया जायेगा।

2. लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री के लिए सिदो-कान्हू कृषि एवं वनोपज राज्य सहकारी संघ लिमिटेड कार्यरत है। इसके अंतर्गत व्यापक रूप से लघु वन उत्पाद की खरीद-बिक्री कर वन क्षेत्र में रहने वाले लोगों की अधिक से अधिक आय वृद्धि हो, इसके लिए पहल किये जाएंगे।

3. वनाधिकार अधिनियम-2006 के अन्तर्गत अधिक से अधिक सामुदायिक पट्टा दिये जाने और उसमें अधिक से अधिक वन भूमि का उपयोग वन विभाग के नियमों एवं पर्यावरण के अनुकूल किये जाने पर जोर दिया गया।

4. जनजातीय भाषा में कक्षा 1 से 5 तक के लिए अध्ययन और जनजातीय भाषाओं के अधिक से अधिक उपयोग पर डॉ रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान के माध्यम से अध्ययन कराते हुए एक नीति बनायी जायेगी। जनजातीय भाषाओं में अधिक से अधिक पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद कराते हुए उसका वितरण कराये जाने का निर्णय लिया गया।

5. जनजातीय भाषाओं के शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज की जाय। आवश्यकता अनुसार पद सृजन भी किया जाय।

6. होड़ोपैथी आदिवासी ज्ञान परंपरा का गौरवपूर्ण हिस्सा रहा है। इसे देखते हुए इसके वैज्ञानिक विश्लेषण, अध्ययन, अनुसंधान, प्रकाशन के साथ सीएसआईआर के तरह वैज्ञानिक प्रयोगशाला बनाते हुए इसे आयुष में सम्मिलित किये जाने पर जोर दिया गया।

7. The Municpalities (Extensionn to the Scheduled Areas) Bill, 2021 के Standing Committee की अनुशंसा ’नगर निकाय की समिति जिसमें जनजातीय समुदायों का प्रतिनिधित्व हो, की अनुशंसा नगर निकाय को बाध्यकारी होगी (Recommedation of this Committee shall be ordinarily be binding on the Municipality)’ को विलोपित करने की अनुशंसा की गयी थी, पर विचार के बाद उक्त प्रावधान को यथावत रखने की अनुशंसा भारत सरकार को भेजने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही यह भी निर्णय लिया गया कि जनजातीय हितों की रक्षा के प्रतिकूल कोई निर्णय नहीं लिया जाना चाहिए।

8. झारखंड पंचायत उपबंध अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार नियामावली-2022 के प्रारूप पर संबंधित विभागों एवं पक्षों से सम्यक विचारोपरांत निर्णय लिया जाय।

9. जनजातीय समुदाय के युवाओं को पांच वर्ष से अधिक भुगतान अवधि के साथ ऋण प्रदान किये जाने के लिए अन्य राज्यों के प्रावधानों का अध्ययन कराते हुए बैकों के साथ राज्यस्तरीय बैठक कर नीति बनायी जाए।