भारत और यूएई का सबसे बड़ा मेंटल मैथ्स कंपीटिशन दिसंबर में, रजिस्ट्रेशन शुरू

बिहार देश शिक्षा
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  • सीनियर केजी से क्लास 7 तक के बच्चे होंगे शामिल

पटना। भारत और यूएई का सबसे बड़ा मेंटल मैथ्स कंपीटीशन (एमएमसी) आगामी 9 और 23 दिसंबर को होगा। इस परीक्षा के लिये रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है। आयोजक मुंबई स्थित इग्नाइटेड माइंड लैब ने परीक्षा के लिये विशाल रंजन दफ्तुआर का सहयोग लिया है। विशाल ने बिहार-झारखंड में पिछले 22 सालों में ओलम्पियाड परीक्षाओं को बखूबी स्थापित किया है।

परीक्षा 9 और 23 दिसंबर को

मेंटल मैथ्स कंपीटिशन में सीनियर केजी से क्लास 7 तक के छात्र शामिल हो सकते हैं। प्रथम चरण की ऑफलाइन परीक्षा संबंधित स्कूलों में 9 और 23 दिसंबर को होगी। इसमें से स्कूल किसी एक तारीख का चयन कर सकता है।

प्रतिभागियों को ये मिलेगा

फर्स्ट राउंड की परीक्षा में शामिल सारे प्रतिभागियों को 3 वर्क बुक और माडल पेपर मिलेगा। ग्रैंड फिनाले अगले साल 1 और 4 फरवरी को ऑनलाईन होगी। इसके बाद चयनित छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की रैंकिंग के साथ पुरस्कृत किया जायेगा।

विशेष पुरस्‍कार दिए जाएंगे

चक दे बिहार और चक दे झारखंड प्रोग्राम के तहत चयनित बच्चों को विशेष पुरस्कार दिये जायेंगे। परीक्षा में शामिल सारे प्रतिभागियों को पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट और प्रत्येक क्लास के टाप थ्री स्टूडेंट्स को स्कूल लेवल पर पुरस्कृत किया जायेगा। बिहार-झारखंड चैप्टर से 50 हजार से ज्यादा छात्रों के भाग लेने की संभावना है। इसमें लगभग 9 हजार छात्र राजधानी रांची के होंगे।

रजिस्ट्रेशन जारी

9 दिसंबर की परीक्षा के लिये 28 नवंबर और 23 दिसंबर की परीक्षा के लिये 10 दिसंबर तक रजिस्ट्रेशन भेजे जा सकते हैं। इस बारे में विस्तृत जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 9973119416 पर व्हाट्सएप या फोन किया जा सकता है।

मेंटल मैथ्स के ये फायदे

गणित में रुचि विकसित करने के लिये मेंटल मैथ्स कम्पीटीशन बहुत ही अनोखी और बेहद प्रभावी है।

यह दिमाग को तेज करता है। विश्लेषणात्मक सोच कौशल में सुधार करता है। वर्कशीट को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इसमें लेफ्ट ब्रेन और राइट ब्रेन का एक साथ काम करना शामिल है। इससे बच्चों की दिमागी शक्ति में सुधार होता है।

समस्याओं को हल करने की गति और सटीकता में महत्वपूर्ण सुधार उन्हें स्कूली परीक्षाओं में अपने स्कोर को सुधारने में मदद करता है। उनके गणितीय कौशल को दिखाने और विभिन्न स्कूलों और क्षेत्रों के प्रतिभाशाली बच्चों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिये मंच भी प्रदान करता है।

बच्चों में कम उम्र में विकसित यह प्रतिस्पर्धी रवैया उन्हें भविष्य की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सीईटी, आईआईटी जेईई, कैट, आईएएस आदि के लिये नींव तैयार करने में मदद करता है।