रेल कर्मचारी की कई मांगों को फेडरेशन ने उचित फोरम पर रखा है : शिव गोपाल मिश्रा

झारखंड
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  • ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 30वीं केन्द्रीय परिषद की बैठक शुरू

धनबाद। ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की 30वीं केन्द्रीय परिषद की बैठक 14 नवंबर को रेलवे ऑडिटोरियम धनबाद में झंडोत्तोलन से शुरू हुई। झंडोत्तोलन एआईआरएफ के महामंत्री शिव गोपाल मिश्रा और ईसीआरकेयू के केन्द्रीय अध्यक्ष डीके पांडेय ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर कई मुद्दों के बारे में जानकारी दी गई। मांगों को पूरी करने के लिए एकजुट होने की अपील रेल कर्मचारियों से की गई।

मिश्रा ने युवाओं को एनपीएस समाप्त कर गारंटीड पेंशन के आंदोलन में पूरी शक्ति के साथ आगे आने का आह्वान किया। उन्‍होंने कहा कि फेडरेशन ने हमेशा रेल बचाने का काम किया है। आगे भी इसे बचाने की जिम्मेदारी से पीछे नहीं हटेंगे। रेलकर्मियों ने कोरोना अवधि में भी पूरी जिम्मेदारी के साथ अपना कर्तव्य पूरा किया है। शहादत भी दी है। केन्द्र सरकार ने रेलवे की 26 प्रतिशत परिसंपत्तियों को बेचने की योजना बनाई है। फेडरेशन ने इस मसौदे का भी विरोध किया है।

मिश्रा ने कहा कि रेलवे के साढ़े तीन लाख पदों पर बहाली करने के लिए सरकार पर फेडरेशन दबाव बना रहा है। इससे कार्यरत कर्मचारियों पर काम का बोझ कम होगा। बेरोजगार युवकों को स्थाई आजीविका भी मिल सकेगी। कर्मचारियों की कमी के बावजूद भी हमारी उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस आलोक में रेलवे के निजीकरण का विरोध करने का हमारा दावा मजबूत होता है। इसके अतिरिक्त हमारी लड़ाई बहुत से प्रमुख मुद्दों को समाधान कराने के लिए चल रही है।

मिश्रा ने कहा कि ट्रैकमैन सहित अन्य निम्न ग्रेड पे के कर्मचारियों को 4200 ग्रेड पे तक पदोन्नति के सोपान उपलब्ध कराने, एलडीसीई ओपन टू ऑल करने, जोखिम भरे कार्यों को करने वाले सभी पदों को जोखिम भत्ता देने, रनिंग कर्मचारियों को एमएसीपी के तहत  4600 और 4800 ग्रेड पे देने की व्यवस्था करने सहित कई मुद्दों पर फेडरेशन ने उचित फोरम पर मांग रखी है। इन पर सफलता पाने के लिए धरातल पर रेलकर्मियों के आंदोलन की आवश्यकता है।

ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एसएनपी श्रीवास्तव ने कहा कि रेलकर्मियों की बढ़ती समस्याओं के समाधान के लिए रेल प्रशासन पर पर्याप्त दबाव बनाने के लिए यूनियन ने स्थानीय स्तर, मंडल स्तर और महाप्रबंधक स्तर पर धरना प्रदर्शन करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। इस केन्द्रीय परिषद की बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा इस पर सहमति बन जाने पर तारीखों की घोषणा की जाएगी।

ईसीआरकेयू के अध्यक्ष डीके पांडेय ने कहा कि रेलकर्मियों को बेहतर प्रबंधन और नेतृत्व शक्ति वाले श्रमिक संगठन के झंडे तले आकर संगठित होने की जरूरत है, तभी तमाम समस्याओं का समाधान हो सकेगा। राष्ट्रीय स्तर पर एआईआरएफ और जोन स्तर पर  मान्यता प्राप्त यूनियन ईसीआरकेयू ही एकमात्र सक्रिय और समर्पित संगठन है, जो रेलकर्मियों की समस्याओं के हल कराने के प्रति गंभीर रहता है।

इस अवसर पर अपर महामंत्री मो ज़्याऊद्दीन, सहायक महामंत्री ओमप्रकाश, केन्द्रीय कोषाध्यक्ष सह जोनल सेक्रेटरी ओपी शर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष एसएसडी मिश्रा और मिथिलेश कुमार, मनोज कुमार पांडेय, बीबी पासवान, केदार प्रसाद, केके मिश्रा, चंद्र शेखर सिंह, बिंदु कुमार, पीके मिश्रा, रमेश चन्द्र, संजय मंडल, श्रीमती मृदुला कुमारी, वीरेंद्र प्रसाद यादव, आरके मंडल, एससी त्रिवेदी, आरके मंडल, विभिन्न शाखाओं के सचिव, अध्यक्ष और केन्द्रीय परिषद सदस्यों सहित बड़ी संख्या में स्थानीय महिला रेलकर्मियों ने उत्साह के साथ भाग लिया। उक्त जानकारी यूनियन के मीडिया प्रभारी एनके खवास ने दी।