रोजगार का सबसे सरल माध्यम है बटन मशरूम की खेती : डॉ एसके पाल

झारखंड कृषि
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  • बटन मशरूम का व्यावसायिक खेती पर तीसरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि संकाय अधीन पौधा रोग विज्ञान विभाग में के अंतर्गत संचालित मशरूम उत्पादन यूनिट में बटन मशरूम की व्यावसायिक खेती पर 28 दिवसीय तीसरे प्रशिक्षण की शुरुआत हो चुकी है। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल ने किया।

डॉ पाल ने कहा कि बटन मशरूम की खेती ठंड के मौसम में होती है। पोषण से भरपूर होने से बाजार में इसकी अधिक मांग है। इसके उत्पादन के बाद प्राप्त कम्पोस्ट से भी लाभ मिलता है, जिसकी शहरों में बेहद मांग है। बटन मशरूम की खेती से दोहरा लाभ ले सकते हैं। इसकी विधि जटिल है। प्रशिक्षण से दक्ष भूमिहीन किसान, महिला एवं बेरोजगार युवक के लिए यह रोजगार का सबसे सरल माध्यम साबित हो सकता है।

मशरूम यूनिट प्रभारी डॉ एन कुदादा ने कहा कि‍ बटन मशरूम उत्पादन एक जटिल प्रक्रिया है। प्रतिभागियों को 28 दिनों के प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न चरणों में बटन मशरूम उत्पादन तकनीक की व्यावहारिक जानकारी दी जायेगी। प्रतिभागियों को इस दौरान खाद तैयार करने में जैविक और अजैविक पदार्थो को मिश्रित करने की विधि से दक्ष कराया जायेगा।

डॉ कुदादा ने बताया कि इस दौरान इस मिश्रण का 8 बार पलटाई करने की तकनीक सिखाई जाएगी। मिश्रण के तीसरे पलटाई में जिप्सम और सातवें पलटाई में फ्यूराडान मिलाने की विधि एवं आठवीं पलटाई के बाद तैयार खाद का विसंक्रमण, बिजाई एवं कैमिंग आदि विधि सहित बटन मशरूम उत्पादन प्रोद्योगिकी की विस्तृत जानकारी पौधा रोग वैज्ञानिकों द्वारा दी जाएगी।

कार्यक्रम में रांची, बोकारो, हजारीबाग, पश्चिमी सिंहभूम एवं सरायकेला-खरसांवा जिले के 14 प्रतिभागी भाग ले रहे है। मौके पर डॉ एचसी लाल एवं मुनि प्रसाद भी मौजूद थे। यूनिट से ट्रेनिंग लेने के लिए इच्छुक मोबाइल संख्या 9934270068 या 7631127335 से संपर्क कर जानकारी हासिल कर सकते हैं।