पीएमएवाई और मनरेगा योजना में गड़बड़ी, जांच के निर्देश, होगी एफआईआर

झारखंड
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  • बिना आवास बनाये लाभुक के खाते से 1 लाख 30 हजार की निकासी

रांची। झारखंड की राजधानी रांची जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण और मनरेगा में गड़बड़ी की शिकायत मिली है। उप विकास आयुक्‍त ने इसकी जांच के निर्देश दिए हैं। दोषी पर एफआईआर करने का आदेश भी बीडीओ को दिया है।

बुंडू प्रखंड के हुमटा गांव का मामला

रांची के बुंडू प्रखंड स्थित हुमटा पंचायत के हुमटा गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के लाभुक गुरुवा मुंडा का आवास बनाए बिना ही 1,30,000 रुपए की निकासी का मामला सामने आया है। मनरेगा योजना की 16 हजार 245 रुपये की राशि की भी निकासी कर ली गयी। उपविकास आयुक्त विशाल सागर ने इसे गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिये हैं। प्रखंड विकास पदाधिकारी को उपविकास आयुक्त ने जांच में दोषी पाये जानेवाले कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करवाने को कहा है।

उपविकास आयुक्त द्वारा संबंधित योजना का अभिलेख यथा योजना की स्वीकृति, किये गये जियो टैग एवं एफटीओ आदि की जांच के आधार पर संबंधित दोषी कर्मियों चिन्हित करते हुए तत्काल सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर एक प्रति अभिकरण कार्यालय को भी समर्पित करने को कहा है।

क्या कहना है लाभुक का

गुरुवा मुंडा का कहना है कि आवास बनाने का भरोसा दिलाते हुए उनके खाते से जबरन पैसे की निकासी करा ली गई। उन्होंने पैसे निकासी का आरोप पंचायत स्वयं सेवक मनोरंजन महतो पर लगाया है। इसे लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा पंचायत स्वयं सेवक को शोकॉज भी किया गया है। क्षेत्र भ्रमण के दौरान बीडीओ ने पाया कि लाभुक का धरातल पर बिना आवास पूर्ण हुए ही उसका जियो टैग किया गया। पैसे की निकासी कर ली गयी।

तीन किस्‍तों में राशि भुगतान

बताते चलें कि आवास बनाने के लिए लाभुक को तीन किस्त में राशि दी जाती है। पहली किस्त 40 हजार रुपये काम शुरू करने के लिए सेंशन के एक सप्ताह के अंदर, दूसरी किस्त के रूप में 85 हजार रुपये विंडो लेबल तक काम पहुंचने पर और और तीसरी 5 हजार रुपये आवास का निर्माण होने पर रंग-रोगन के लिए दिया जाता है। मगर इस मामले में फर्जी तरीके से दूसरे के आवास का जियो टैग करके राशि लाभुक के खाते में भेजा गया। निकासी भी कर ली गयी।