बीएयू में बिरसा जयंती महोत्सव, छात्राओं ने जीते अधिकांश पुरस्कार

झारखंड
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रांची। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय में दो दिवसीय बिरसा जयंती महोत्सव के दौरान गीत-संगीत, नृत्य, तीरंदाजी, भाषण, आकर्षक झांकी, शोभा यात्रा आदि का रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये गये। अधिकांश प्रतियोगिता के पुरस्‍कार छात्राओं ने जीते।

मंगलवार को सुबह कृषि, पशुचिकित्सा, वानिकी एवं कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने विश्वविद्यालय मुख्यालय स्थित कार्तिक उरांव की प्रतिमा के निकट से शोभा यात्रा एवं बिरसा भगवान के जीवन पर आधारित आकर्षक झांकी निकाली। इसका समापन कृषि महाविद्यालय परिसर स्थित बिरसा भगवान की आदमकद प्रतिमा के समक्ष हुआ। झांकी में बिरसा भगवान के प्रतीक बने छात्र शुभम किस्कू को कुलपति द्वारा सम्मानित भी किया गया।

क्षेत्रीय गीत एवं नृत्य प्रतियोगिता में  छात्राओं का बोलबाला रहा। उन्होंने अपनी भाव-भंगिमा, अभिव्यक्ति, सुर, ताल एवं गति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

एकल नृत्य प्रतियोगिता में पशु चिकित्सा संकाय की पूजा अवसरमोल प्रथम, वानिकी संकाय की निकिता टोप्पो द्वितीय और कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की अन्वेषा निधि ने तृतीय पुरस्कार प्राप्त किया। एकल गायन प्रतियोगिता में रांची कृषि महाविद्यालय की अनिपा लकड़ा एवं पशुचिकित्सा महाविद्यालय की निवेदिता को प्रथम, आरवीसी की पुष्पा तिर्की को द्वितीय और दिव्यम धैर्य को तृतीय घोषित किया गया।

क्षेत्रीय समूह गायन में आरवीसी के दिव्यम धैर्य एवं ग्रुप को प्रथम, वानिकी महाविद्यालय की अर्चना कुमारी एवं ग्रुप को द्वितीय और कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की मनीषा तिर्की एवं ग्रुप को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। उन्हें गैर फिल्मी लोकगीत ही गाना था।

इसी प्रकार क्षेत्रीय समूह नृत्य प्रतियोगिता में रांची कृषि महाविद्यालय की वैभवी कुमारी एवं ग्रुप को प्रथम, वानिकी महाविद्यालय की अलका एक्का एवं ग्रुप को द्वितीय और पशु चिकित्सा महाविद्यालय की वंदना तिर्की एवं ग्रुप को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

गीत-नृत्य प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका आकाशवाणी के अवकाशप्राप्त कलाकार मनपूरन नायक, डीएवी स्कूल के संगीत शिक्षक हराधन राय और लोक गायिका फूलकेरिया ने निभाई। आयोजन समिति में डॉ अरुण तिवारी, डॉ बसंत चंद्र उरांव, डॉ शशि किरण तिर्की, डॉ सुरेश मेहता, डॉ रासबिहारी साह, डॉ जय कुमार एवं डॉ पीआर उरांव जुड़े थे।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए बीएयू के कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने बिरसा भगवान के जीवन, मिशन एवं आदर्शों को आत्मसात करने की अपील विद्यार्थियों एवं कर्मियों से की। उन्होंने कहा कि बिरसा भगवान ने छोटे-मोटे मुद्दों से ऊपर उठकर अपना जीवन देश की ज्वलंत समस्याओं के निदान और संपूर्ण जनजातीय समाज के उत्थान के लिए समर्पित कर दिया। अनुशासन और समयबद्धता जीवन के किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए आवश्यक है। विद्यार्थियों के लिए यह विशेष जरूरी है, क्योंकि वह अपना जीवन शुरू ही कर रहे हैं।

कृषि संकाय के अधिष्ठाता डॉ एसके पाल, वानिकी संकाय के अधिष्ठाता डॉ एमएस मलिक, पशुचिकित्सा संकाय के अधिष्ठाता डॉ सुशील प्रसाद तथा कुलसचिव डॉ नरेंद्र कुदादा ने अपने संबोधन में जनजातीय समाज के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और आध्यात्मिक विकास में तथा अंधविश्वासों से ऊपर उठने में बिरसा भगवान के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा की। महोत्सव के समन्वयक डॉ बसंत चंद्र राव ने धन्यवाद किया।