रांची। झारखंड के सभी सरकारी विद्यालयों में लू और गर्म हवा से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसका आदेश स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रभारी सचिव उमा शंकर सिंह ने 25 अप्रैल, 2024 को जारी किया। इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा अधीक्षक को दी गई है।
आदेश में कहा गया है कि इस वर्ष झारखंड राज्य में अत्यधिक गर्मी का सामना सभी विद्यालयों को करना पड़ रहा है। इससे सबसे ज्यादा बच्चें एवं शिक्षक प्रभावित हो रहे है। आने वाले कुछ दिनों में तापमान में और वृद्धि की आशंका है। इसके कारण डिहाइड्रेशन का भी खतरा रहता है। भीषण गर्मी को ध्यान में रखते हुए विद्यालयों के पठन-पाठन के समय में परिवर्तन किया गया है। साथ ही राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गर्मी के इस मौसम में तेज धूप और लू के प्रतिकूल प्रभाव से बचाव का उपाय किया जाना अनिवार्य है।
प्रभारी सचिव ने लिखा है कि इस चुनौती का सामना करने के लिए यूनिसेफ द्वारा ‘वाटर बेल’ की व्यवस्था का सुझाव दिया गया है। इसमें स्वच्छ पानी की उपयोगिता को प्रोत्साहित करने, विद्यालय में सभी बच्चों को नियमित अंतराल में स्वच्छ पानी पीने के लिए प्रोत्साहित करना, बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचने का विकल्प देना आदि शामिल है। यह आवश्यक है कि बच्चों में स्वच्छ पानी पीने की आदत को और अधिक विकसित किया जाए।
ये गतिविधियां सुनिश्चित की जाए
वॉटर बेल का आयोजन : सभी विद्यालयों में घंटी बजाकर बच्चों को स्वच्छ पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाए। यह कार्य प्रातः 8.30 बजे एवं पुनः 10.30 बजे किया जाए। बेल बजने के साथ ही विद्यालय के सभी बच्चे कतार में लगकर स्वच्छ पानी पीएंगे। इसके लिए सभी कक्षा-कक्ष के पास स्वच्छ पानी का घड़ा, स्वच्छ पानी, टीसनी, पानी का ग्लास आदि की व्यवस्था विद्यालय प्रबंधन द्वारा किया जाएगा।
यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी बच्चें आवश्यक रूप से विद्यालय अवधि में कम से कम एक ग्लास स्वच्छ पानी दो बार अवश्य पीयें।
वॉटर बेल का उद्देश्य है कि सभी बच्चे एवं शिक्षकों को निर्धारित समय पर स्वच्छ पानी पीने के लिए स्मारित किया जाए।
सभी विद्यालयों में इसका पालन हो
सभी विद्यालयों में जहां विद्युत की सुविधा उपलब्ध है, उसे तत्काल क्रियाशील बनाया जाय। वर्ग कक्षों में उपलब्ध पंखों को चालू हालत में रखना सुनिश्चित किया जाए।
इसके लिए जिला एवं प्रखंड के सभी कर्मी एवं पदाधिकारी विद्यालयों का अनुश्रवण कर विद्युत की सुविधा को कियाशील बनाना सुनिश्चित करेंगे।
सभी विद्यालयों में शुद्ध एवं पर्याप्त पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। बच्चों के लिए मिट्टी के घड़े या अन्य कोई अनुकूल पात्र की व्यवस्था विद्यालय विकास अनुदान से करना सुनिश्चित किया जाय।
गर्मी में हिट स्ट्रोक से बचाव के लिए ज्यादा स्वच्छ पानी पीने के लिए प्रेरित किया जाय।
गर्म हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर मौसम के दुष्प्रभाव से बचने के लिए नींबू-पानी, नमक-चीनी का घोल, चना-गुड़, कच्चे आम सत्तु का शर्बत आदि का सेवन करने के लिए प्रेरित किया जाय। मध्याह्न भोजन में भी इसकी व्यवस्था सुनिश्चित किया जाय। मध्याहन भोजन छांव में कराना सुनिश्चित किया जाय।
गर्म हवाओं के कारण स्वास्थ्य पर मौसम के दुष्प्रभाव से बचने के लिए ओआरएस के घोल की व्यवस्था विद्यालयों में सुनिश्चित किया जाय। ओआरएस का पैकेट निकटतम सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य उप-केन्द्र, एएनएम सहिया के पास निःशुल्क उपलब्ध है।
बच्चों को गर्मी के मौसम में मसालेदार, तेलीय एवं उच्च नमक वाले पदार्थों के सेवन नहीं करने की सलाह दी जाय।
बच्चों को गर्मी में खाली पैर नहीं रहने के लिए निर्देशित करें।
तेज धूप में किसी भी प्रकार का खेल का आयोजन या कार्यक्रम नहीं किया जाय। जरूरत के अनुसार अधिक से अधिक इंडोर गेम का आयोजन किया जाए।
राज्य स्तर पर एक गूगल सीट सभी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, जिसका लिंक व्हाट्सएप के माध्यम से भेजा जाएगा। सभी जिला प्रतिदिन खैरियत प्रतिवेदन राज्य कार्यालय को संध्या 6 बजे तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।
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