- उपायुक्त ने तैयारी करने के दिये निर्देश
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड के लोहरदगा जिले में इस बार रामनवमी का जुलूस इस बार तीसरी आंख की निगरानी में निकलेगा। इससे किसी अप्रिय घटना को अंजाम देने की साजिश करने वालों पर नजर रहेगी। उन्हें चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। इसकी तैयारी करने का निर्देश उपायुक्त बाघमारे कृष्ण प्रसाद ने दिया है।
उपायुक्त ने रामनवमी को लेकर कई दिशा निर्देश नगरपालिका के कार्यपालक अभियंता देवेंद्र कुमार को दिया गया है। उन्होंने कहा है कि रामनवमी जुलूस और उसके गुजरने वाले रास्ते में पड़ने वाले मकान और छतों की निगरानी के लिए विशेष ड्रोन कैमरा तैनात किया जाए। सभी जुलूस की सुरक्षा और निगरानी सीसीटीवी एवं ड्रोन कैमरे से की जाए। चिन्हित स्थलों में अतिरिक्त सीसीटीवी लगाने का निर्देश दिया है।
रामनवमी के पर शरारती तत्वों से निपटने के लिए प्रशासन ने पूरी तैयारी कर रखी है। शुक्रवार रात को पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक अभियान, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, एसपी (हेडक्वार्टर) की ओर से संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील चौक चौराहों पर जाकर औचक निरीक्षण किया गया। साथ ही, आवश्यक निर्देश दिए गए।
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यह निर्णय एहतियातन लिया गया है। बताते चलें कि 23 जनवरी, 2020 को सीएए के समर्थन में जुलूस निकाला गया था। इसमें हजारों महिला-पुरुष शामिल हुए थे। पहले से ही किसी भी बड़ी अनहोनी की जानकारी प्रशासन को थी। इसके बाद भी सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गयी थी। सुरक्षा को लेकर किसी प्रकार की तैयारी नहीं होने के कारण जुलूस के अमलाटोली, सोमार बाजार प्रवेश करते ही पथराव शुरू हो गया।
इस घटना में हजारों लोग घायल हुए। दंगा भड़का। व्यापक पैमाने पर आगजनी हुई। दुकान, मकान, चारपहिया, दो पहिया वाहन आग के हवाले कर दिये गये। कई जगह पर जमकर तोड़फोड़ की गई। जान माल के साथ करोड़ों का नुकसान हुआ। इसका दंश आज भी दोनों समुदाय के लोगों को झेलना पड़ रहा है।
उस वक्त शहर की सुरक्षा की कमान तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी ज्योति झा संभाल रही थी। वह स्थिति को संभालने की जगह उस एरिया में प्रवेश करते ही अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ तेज गति से भागने लगी। इससे गदर मचाने वालों का हौसला और बढ़ा।