बीएयू : डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल रिटायर, दी गई विदाई

झारखंड
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रांची। डीन एग्रीकल्चर डॉ एसके पाल रिटायर हो गये। वे विश्वविद्यालय प्राध्यापक- सह- मुख्य वैज्ञानिक के साथ अध्यक्ष (शस्य विभाग) भी थे। उन्‍हें विवि में डीन एग्रीकल्चर, डायरेक्टर रिसर्च एवं एसोसिएट डीन (एग्रीकल्चर कॉलेज, गढ़वा) का भी प्रभार दिया गया था।

रिटायर होने पर बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के प्रबंध पर्षद कक्ष में 28 फरवरी को उन्‍हें भावभीनी विदाई दी गयी। डॉ पाल मूलतः कृषि संकाय के अधीन शस्य विज्ञान विभाग के वैज्ञानिक थे। उन्होंने विवि सेवा में कुलसचिव, निदेशक प्रशासन, निदेशक योजना एवं कुलपति के सचिव आदि विभिन्न पदों पर भी योगदान दिया।

मौके पर डॉ पाल ने करीब 42 वर्षों की सेवा के लिए बिरसा कृषि विश्वविद्यालय प्रबंधन का आभार जताया। उन्होंने कहा कि जीवन में जो भी सीखा, बीएयू से सीखा। अपने अनुभव एवं क्षमता का जो भी दिया, वो बीएयू को दिया। उन्होंने जरूरत पड़ने पर बीएयू प्रबंधन को सभी तरह का सहयोग रहने देने की बात कहीं।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ ओंकार नाथ सिंह ने डॉ पाल को मोमेंटो, पुस्तक और शाल भेंटकर सम्मानित किया। विवि में उनके उल्लेखनीय योगदान की प्रशंसा की। कहा कि डॉ पाल ने विवि की कठिन परिस्थितियों में भी अपने अनुभवों एवं कार्यों से एक लंबी रेखा खींची है। इसे विवि के लिए भरना आसान नहीं होगा। उन्होंने डॉ पाल का कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का अधिवेशन, 7वें दीक्षांत समारोह, बीएयू का आईसीएआर से एक्कीडीटेशन, एग्रोटेक किसान मेला आदि की सफलता में अग्र सहयोग की सराहना की।

मौके पर डॉ सुशील प्रसाद, डॉ एमएस मल्लिक, डॉ डीके शाही, डॉ एन कुदादा, डॉ एमके गुप्ता, डॉ एस कर्माकार, डॉ एके सिंह, डॉ बीके अग्रवाल एवं ई डीके रुशिया ने करीब 42 वर्षों के कार्यकाल में बीएयू के करीब सभी महत्वपूर्ण पदों पर उनके योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यो को सराहा और शुभकामनाएं व्यक्त की।

इस अवसर पर नियंत्रक एमए मोहसिन द्वारा जीपीएफ जमा राशि का चेक डॉ पाल को प्रदान किया गया। समारोह में स्वागत एवं इसका संचालन डॉ पीके सिंह ने किया। धन्यवाद डॉ कौशल कुमार ने दी। कृषि संकाय में आयोजित समारोह में शिक्षक एवं कर्मचारियों ने भाग लिया। डॉ पाल को सम्मानित और विदाई दी गयी।