रघुवर का हेमंत पर हमला, पत्नी श्रीमती कल्पना के नाम हुआ औद्योगिक भूमि का आवंटन

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  • खनन मंत्री के रूप में अपने नाम पहले ही करा चुके हैं माइंस का आवंटन

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी श्रीमती कल्पना सोरेन के नाम से बिजुबाड़ा, चान्हो ब्लॉक स्थित बरहे औद्योगिक क्षेत्र में 11 एकड़ औद्योगिक भूमि आवंटित की गई है। मुख्यमंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर सोहराय लाइफ प्राइवेट लिमिटेड को यह औद्योगिक भूमि आवंटित कराई है। यह कंपनी उनकी पत्नी के नाम पर है। मुख्यमंत्री स्वयं उद्योग विभाग के मंत्री हैं, इसीलिए उन्हें इस विषय पर सफाई देनी चाहिए। उक्त बातें झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहीं। वे 25 अप्रैल को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रेस से बात कर रहे थे।

परिवार के लिए लाभ उठाया

दास ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह आचरण भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के अंतर्गत दंडनीय है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को औद्योगिक क्षेत्र में रियायती दर पर भूखंड मिलेंगे। इस घोषणा का लाभ उन्होंने अपने परिवार के लिए उठाया। उन्हें राज्य के गरीब और बेरोजगार आदिवासियों की चिंता नहीं है। चिंता है तो केवल अपने परिवार की।

एक नारा, सरकारी जमीन हमारा

पूर्व सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा और प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद (पिंटू) के लिए भी मुख्यमंत्री ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर खदान की लीज ली है। अभिषेक प्रसाद को शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर साहिबगंज के पाकरिया ग्राम में 11.70 एकड़ भूमि पर 8 अप्रैल, 2021 को खदान की लीज 10 वर्ष के लिए दी गयी है। सरकारी कागजातों के अनुसार उस पर 90 लाख रुपये का निवेश भी दिखाया गया है। इसी तरह मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को महाकाल स्टोन के नाम से साहि‍बगंज जिले के गिला मारी मौजा में खदान आवंटित की गई है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों ने आनन-फानन में सारी स्वीकृति भी प्रदान की है।

राज्‍यपाल के पास जाएगी भाजपा

दास ने कहा कि मुख्यमंत्री अभिषेक प्रसाद और पंकज मिश्रा को तत्काल अपने पद से हटाएं। भाजपा इस मामले को लेकर राज्यपाल के पास जायेगी। कानून के प्रावधान के तहत मुख्यमंत्री स्वयं या उनके परिवार का कोई भी सदस्य सरकारी ठेका पट्टा, लीज नहीं ले सकता। यह भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दंडनीय अपराध है। उन्होंने कहा झारखंड में अबुआ राज के नाम पर एक परिवार का, परिवार द्वारा और परिवार के लिये शासन चल रहा है। राज्य की भलाई का इस सरकार को कोई चिंता नही है। इसका बड़ा नुकसान राज्य की जनता को उठाना पड़ रहा है।

आदिवासी को अधिक नुकसान

पूर्व सीएम ने कहा कि सबसे ज्यादा नुकसान आदिवासि‍यों को हो रहा है। सरना भाई-बहनों का हक छिना जा रहा है। पूर्व की उनकी सरकार ने अनुसूचित जाति व जनजातियों के  प्रमाण पत्र में धर्म का कॉलम जोड़ा था, ताकि सरना आदिवासियों को लाभ मिले। मिशनरी के दबाव में इस वर्ष 24 फरवरी को कैबिनेट में हेमंत सरकार ने गुपचुप तरीके से इससे धर्म का कॉलम समाप्त कर दिया। इसका सीधा नुकसान सरना भाई-बहनों को होगा। नौकरी में उनके स्थान पर धर्मांतरित आदिवासियों को इसका लाभ होगा। सरना भाई-बहनों के साथ साजिश के तहत उनका हक मारा जा रहा है। सरना मुख्यमंत्री के रहते ऐसा होना बहुत दुखद है। सत्ता के लालच में हेमंत सोरेन ने सरना भाई-बहनों के पेट पर लात मारने का काम किया है।

सरना समाज टारगेट में

दास ने कहा कि राज्य में लव जिहाद और धर्मांतरण के द्वारा सरना समाज को टारगेट किया जा रहा है। यही स्थिति रही तो झारखंड का सरना समाज अल्पसंख्यक हो जायेगा। धर्मांतरित आदिवासी सरना आदिवासियों का हक मारकर दोहरा लाभ ले रहे हैं। वे अल्पसंख्यक के साथ-साथ आदिवासी का लाभ भी ले रहे हैं। नौकरियों में सरना आदिवासियों के स्थान पर धर्मांतरित आदिवासी ज्यादा लाभ ले रहे हैं।

मौके पर मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, प्रवक्ता सरोज सिंह, सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे।