वन उत्पादकता क्षेत्र में शैक्षणिक और अनुसंधान को बढ़ावा देंगे बीएयू एवं आईएफपी

झारखंड
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  • दोनों संस्‍थानों ने किये समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर

रांची। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून के अधीन संचालित वन उत्पादकता संस्थान (आईएफपी), लालगुटवा, रांची और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर संपन्न हुआ। बीएयू के प्रभारी कुलसचिव डॉ शैलेश चट्टोपाध्याय ने बताया कि वन उत्पादकता के क्षेत्र में शैक्षणिक और अनुसंधान आदान-प्रदान के संचालन में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए दोनों संस्थानों ने सहमति दी है। इस आशय का समझौता ज्ञापन लालगुटवा स्थित वन उत्पादकता संस्थान में दोनों पक्षों ने साझा किया।

इस समझौता ज्ञापन के मुताबिक आईएफपी के वैज्ञानिकों को विशेषज्ञता के अनुसार बीएयू के स्‍नातकोत्तर और डॉक्टरेट डिग्री पाठ्यक्रमों में छात्रों के मार्गदर्शन/पर्यवेक्षण एवं स्‍नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में शिक्षण कार्य में बीएयू द्वारा निर्धारित मानदंडों का पालन किया जाएगा। एक दूसरे पर वित्तीय दायित्व के बिना अनुसंधान कार्यो में आईएफपी एवं बीएयू दोनों को यह सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

क्षेत्रीय महत्व की अनुसंधान परियोजनाओं को परस्पर एवं आपसी सहयोग से संचालित किया जायेगा। दोनों संगठनों में अनुसंधान क्षेत्र/भूखंड एवं भूमि सहित उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग एक दूसरे पर वित्तीय दायित्व के बिना कर सकेंगे। दोनों संगठनों के वैज्ञानिक वन उत्पादकता से सबंधित क्षेत्र की समस्या की आवश्यकता पर प्रधान अन्वेषक और सह प्रधान अन्वेषक के रूप में कार्य करेंगे। दोनों संगठन परियोजना लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक दुसरे को उपलब्ध सुविधाएं प्रदान करेंगे।

आईएफपी और बीएयू एक दूसरे से बौद्धिक संपदा अधिकार साझा करेंगे। इसमें कॉपी राइट, प्रकाशन आदि शामिल होंगे, जो दोनों संस्थानों के वैज्ञानिकों/संकाय में शामिल छात्रों का शोध परिणाम हो सकता है। बीएयू द्वारा मान्यता प्राप्त आईएफपी के वैज्ञानिक, विश्वविद्यालय के नियम-परिनियम के अनुसार बीएयू के पीजी और पीएचडी छात्रों की सलाहकार समिति के सदस्य होंगे।

यह समझौता ज्ञापन शुरू में पांच साल की अवधि के लिए वैध होगी। उसके बाद आगे की अवधि के नवीनीकरण के लिए समीक्षा की जा सकती है। समझौता ज्ञापन के संचालन के दौरान यदि दोनों संस्थानों की राय में समझौता ज्ञापन में कुछ परिवर्तन या संशोधन की आवश्यकता पर पारस्परिक चर्चा उपरांत लिखित रूप से सहमति होगी। समझौता ज्ञापन के संचालन के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी विवाद के मामले में बीएयू और आईएफपी, रांची द्वारा संयुक्त रूप से मामलों को सुलझाया जाएगा। यह निर्णय दोनों संस्थानों पर बाध्यकारी होगा।