जल की गुणवत्ता जांच के लिए हर सहिया को मिलेगी एफटीके किट

झारखंड
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  • उत्कृष्ट कार्य करने वाली जल सहियाओं को किया गया सम्मानित

रांची। जल ही जीवन है। दूषित जल से 80% बीमारियों का जन्म होता है। इसलिए हर क्षेत्र में वॉटर क्वालिटी की जांच होनी चाहिए। झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में जल सहिया प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर सेवा प्रदान कर रही हैं। आम लोगों से कम्युनिकेशन कर दूषित जल के निराकरण की दिशा में जल सहियाओं ने बेहतरीन काम किया है। इसलिए जलसहिया ग्रामीण क्षेत्र की रीढ़ हैं। यह बातें स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक नेहा अरोड़ा ने रांची के कांके रोड स्थित विश्वा सभागार में जल जीवन मिशन के तहत विश्व जल दिवस-2022 के अवसर पर जल गुणवत्ता विषय पर राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम में कही।

निदेशक नेहा अरोड़ा ने कहा कि झारखंड में मिनरल्स काफी है। इसलिए जल प्रदूषण की आशंकाएं भी ज्यादा है। प्रदूषित जल से ही तरह-तरह की बीमारियों का जन्म होता है। इसलिए जरूरी है कि हम जहां भी रहते हैं, वहां के जल की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जहां भी गुणवत्तापूर्ण जल की समस्या है, उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। जल सहियाओं के लिए विस्तृत आईईसी मैटेरियल उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर सकें।

यूनिसेफ के पदाधिकारी ने कहा कि भूजल स्तर और जल संरक्षण पर फोकस किया जाना चाहिए। इसके लिए यूनिसेफ 263 जल सहियाओं को जल गुणवत्ता के क्षेत्र में निपुण बनाएगा। पीएमयू के मुख्य अभियंता संजय कुमार झा ने कहा कि रांची की बड़ी आबादी आज भी 1970 में निर्मित डैम के भरोसे ही है, जबकि आबादी का अनुपात गुणात्मक तरीके से आगे बढ़ा है, ताकि लोगों को शुद्ध जल मिल सके। इसके उपाय मिशन मोड में करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें जल की गुणवत्ता की निगरानी करनी होगी साथ ही सतर्कता भी बरतनी जरूरी है।

राज्य स्तरीय संवाद कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न जिलों से आई जलसहिया को उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रशस्ति पत्र और शॉल देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान जल सहियाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए फ्लोराइड, आर्सेनिक, आयरन और नाइट्रेट आदि जैसे केमिकल मिश्रित जल से होने वाली बीमारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा, मुख्य अभियंता संजय कुमार झा, सीडीए सुधा कांत झा और अधीक्षण अभियंता जल गुणवत्ता शैलेश कुमार सिन्हा सहित कई पदाधिकारी और जलसहिया उपस्थित थे।