बैंक अकाउंट नहीं रहने वाले बच्‍चों को एमडीएम की मिलेगी नकद राशि

झारखंड मुख्य समाचार
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  • झारखंड राज्‍य मध्‍याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक ने जिला शिक्षा अधीक्षक को लिखा पत्र

रांची। बैंक अकाउंट नहीं रहने वाले सरकारी स्‍कूलों में पढ़ने वाले बच्‍चों को मिड डे मिल (एमडीएम) की राशि नकद में दी जाएगी। इसका वितरण विद्यालय प्रबंधन समिति और सरस्‍वती संचालन समिति के माध्‍यम से होगा। इसका आदेश झारखंड राज्‍य मध्‍याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक किरण कुमारी पासी ने 2 मार्च को जारी किया। उन्‍होंने इसकी जानकारी सभी जिला शिक्षा अधीक्षक को भी दी है।

निदेशक ने आदेश में लिखा है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में 134 दिनों के कुकिंग कॉस्ट की राशि इस निर्देश के साथ आवंटित की गयी थी कि DBT के माध्यम से इसे लाभुक छात्र-छात्राओं के बैंक खाता में अंतरित की जाय। विगत दो माह में लगभग 55% लाभुक के खाता में राशि अंतरित की जा सकी है। राज्य स्तरीय स्टीयरिंग-सह-मॉनिटरिंग कमेटी की 14 फरवरी, 2022 को बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई। इस क्रम में यह निर्देशित किया गया है कि ‘जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं है, उन्हें विद्यालय प्रबंधन समिति एवं सरस्वती संचालन समिति के माध्यम से नकद राशि उपलब्ध करायी जाय।‘ इस आलोक में निर्देश है कि शर्तों के साथ देय कुकिंग कॉस्ट की राशि का भुगतान सुनिश्चित किया जाय।

इन शर्तों पर करना है भुगतान

विद्यालयवार देय राशि की गणना कर राशि सरस्वती वाहिनी संचालन समिति के राज्य योजना के लिए संधारित बैंक खाता में अंतरित करेंगे।

संबंधित जिला शिक्षा अधीक्षक विद्यालयवार नकद राशि के वितरण के लिए अग्रिम समय सारणी (तिथि एवं समय) निर्धारित करेंगे। इसकी सूचना संबंधित उपायुक्त एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को उपलब्ध करायेंगे।

समय सारणी की प्राप्ति के साथ ही विद्यालय प्रभारी वितरण के लिए आवश्यक व्यवस्था करेंगे। संबंधितों को ससमय सूचित करेंगे, ताकि निर्धारित तिथि एवं समय पर वितरण का कार्य संपन्न किया जा सके।

वितरण का कार्य विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, स्थानीय जन प्रतिनिधि, BRP एवं CRP की उपस्थिति में किया जाएगा। प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी अपने स्तर से निर्धारित समय सारणी के अनुसार BRP/CRP को विद्यालयवार प्रतिनियुक्त करना सुनिश्चित करेंगे।

वितरण के बाद विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सचिव, प्रतिनियुक्त BRP/CRP एवं उपस्थित जन प्रतिनिधि पंजी पर अपना हस्ताक्षर करेंगे।

उपायुक्त, जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक अपने स्तर से निर्धारित समय सारणी के आलोक में विभिन्न प्रखंड के लिए जिला स्तरीय पर्यवेक्षक नियुक्त करेंगे, जो वितरण कार्य का Randomly पर्यवेक्षण करेंगे।

वितरण कार्य के समापन के बाद सभी जिला शिक्षा अधीक्षक नकद राशि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्रा की संख्या के साथ समेकित प्रतिवेदन झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन कार्यालय को दिये गए प्रपत्र में उपलब्ध करायेंगे।