एचआईवी संक्रमित का खून चढ़ाने के अगले दिन ही 10 साल की बच्ची की मौत, जानें आगे क्या हुआ

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भोपाल। भोपाल के एम्स में बड़ी लापरवाही का खुलासा हुआ है। एम्स अस्पताल में ब्लड बैंक की चूक से 2 मरीजों की जान चली गई, जबकि एक मरीज और उसकी पत्नी एचआईवी संक्रमित हो गए। यहां 10 साल की बच्ची को एचआईवी संक्रमित का खून चढ़ा दिया गया, जिससे उसकी मौत हो गई।

वहीं एक और मरीज एचआईवी संक्रमित हो गया। उसकी रिपोर्ट छिपाकर रखी गई, जिसके बाद उसकी बीवी भी संक्रमित हो गई। जबकि तीसरे मरीज को गलत ब्लड ग्रुप का खून चढ़ा दिया, इन सभी मामले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर राष्ट्रपति तक से की गई है। फ़िलहाल मप्र के हेल्थ डायरेक्टर ने एम्स प्रबंधन को नोटिस जारी कर जांच करने के आदेश दिए हैं।

खबर के मुताबिक, भोपाल के आदमपुर छावनी की रहने वाली 10 साल की बच्ची को 11 मार्च को एम्स के ब्लड बैंक से लेकर खून चढ़ाया गया, जिसके बाद बच्ची की मौत हो गई। परिजन ने शिकायत में लिखा था कि उसके रिश्तेदारों ने एम्स के ब्लड बैंक में यह कहते हुए सुना था कि 813/21 नंबर का ब्लड एचआईवी संक्रमित था। अगले दिन एचआईवी की जांच हुई तो संक्रमण पाया गया, लेकिन गलती छिपाने के लिए दोबारा सैंपल बदलकर जांच की गई और मामले को दबा दिया गया।

भोपाल के पिपलानी इलाके के एक शख्स ने एम्स के ब्लड बैंक में खून डोनेट किया था। खून डोनेट के बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी। तब डॉक्टरों ने एड्स की जांच कराई, तो पॉजिटिव आई लेकिन मुझे इस बीमारी की जानकारी नहीं दी गई। मरीज का कहना है कि एम्स में हुई इस लापरवाही के कारण मेरे पूरे परिवार की जान खतरे में पड़ गई है। पत्नी भी मुझसे संक्रमित हो गई है।

इस मामले में एम्स भोपाल के डायरेक्टर डॉक्टर नितिन एम नागरकर ने बताया कि इस मामले में शिकायतें मिली है। इनकी जांच की जा रही है।