खाता विहीन छात्र के अभिभावकों के बैंक एकाउंट में जाएगी एमडीएम की राशि

झारखंड
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रांची। मिड डे मिल (एमडीएम) की राशि छात्रों तक पहुंचाने के लिए शिक्षा विभाग ने नियम में संशोधन किया है। अब जिन छात्रों का खाता नहीं खुल पाया है, उनके माता पिता के बैंक अकाउंट में मिड डे मिल की राशि भेजी जाएगी। इसका आदेश झारखंड राज्‍य मध्‍याह्न भोजन प्राधिकरण की निदेशक किरण कुमारी पासी ने आदेश जारी किया है। इसकी सूचना सभी उपायुक्‍त और जिला शिक्षा अधीक्षक को दी है।

निदेशक ने पत्र में लिखा है कि खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में कुकिंग कॉस्ट मद की राशि DBT के माध्यम से छात्र के बैंक खाते में अंतरित करने का निर्देश दिया गया था। दैनिक अनुश्रवण के क्रम में यह पाया गया है कि 11 फरवरी, 2022 तक इसकी प्रगति क्रमशः 58.43% और 44% है। एक सप्ताह में यह प्रगति 134 दिनों के मामले में लगभग 1.10% और 20 दिन के मामले में 5% की वृद्धि हुई है, जो संतोषजनक नहीं है। वित्तीय वर्ष 2020-21 समाप्त हो चुका है और 2021-22 के समाप्ति में लगभग 1.5 माह शेष रह गये हैं।

निदेशक ने लिखा है कि समीक्षा के बाद परांत भारत सरकार के संयुक्त सचिव के आदेश ‘विमुक्त की जा रही राशि एक सप्ताह के अंदर DBT के माध्यम से सीधे बच्चों के बैंक खाते में अंतरित करना सुनिश्चित किया जाय।‘ में आंशिक संशोधन कि‍या जाता है। निर्देश दिया जाता है कि ‘विद्यालय में अध्ययनरत अर्हताधारी छात्र, जिनका बैंक खाता कतिपय कारणों से नहीं खुला हुआ है, के मामले में कुकिंग कॉस्ट मद की राशि उनके माता-पिता के बैंक खाते में अंतरित किया जा सकता है।‘

निदेशक ने यह भी लिखा है कि इसकी शुद्धता की जांच भली-भांति कर ली जाय, ताकि किसी भी परिस्थिति में छात्र-छात्राओं को मिलने वाले लाभ की पुनरावृति नहीं हो। जिन बच्चों का बैंक खाता उपलब्ध है, सीधे उनके बैंक खाते में ही राशि अंतरित की जाय। अभिभावक के खाते में राशि स्थानांतरण का भी पूर्ण लेखा-जोखा कार्यालय में संधारित करते हुए सुरक्षित रखा जाय। वस्तुस्थिति को गंभीरतापूर्वक लेते हुये यह कार्य एक सप्ताह के अंदर पूर्ण कर लिया जाय। शत-प्रतिशत अहर्ताधारी छात्र-छात्राओं को इसका लाभ प्राप्त हो जाय।