टाटा स्टील में पहली बार स्‍टील उत्पादन का जानें रोचक सफर

झारखंड बिज़नेस
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जमशेदपुर। टाटा स्‍टील के बारे में पूरी दुनिया जानती है। हालांकि यहां से स्टील का उत्पादन कब शुरू हुआ, ये कम लोग ही जानते हैं। यह भी कम लोग ही जानते होंगे कि इस स्‍टील को बनाने में कितनी लागत आई थी। ये सब हम आपको बताते हैं।

कंपनी के मुताबिक यहां से स्‍टील का निर्माण तब शुरू हुआ, जब 16 फरवरी, 1912 को पहला स्टील इनगॉट रोल आउट किया गया। इनगॉट मोल्ड्स का निर्माण इनगॉट मोल्ड फाउंड्री में किया जाता था। बाद में ठोस सिल्लियों को स्लैब, बार, ब्लूम और बिलेट में रोल किया जाता था।

टाटा स्टील प्लांट की स्थापना मूल रूप से 160,000 टन पिग आयरन, 100,000 टन इंगट स्टील, 70,000 टन रेल, बीम और विभिन्न आकृतियां और 20,000 टन बार, हुप्स और रॉड की क्षमता के साथ की गई थी।

सुविधाओं की श्रेणी में 180 नॉन-रिकवरी कोक ओवन बैटरी, सल्फ्यूरिक एसिड प्लांट के  साथ 30 बाय प्रोडक्ट ओवन, दो ब्लास्ट फर्नेस (प्रत्येक की क्षमता प्रतिदिन 350 टन के साथ), एक 300 टन का हॉट मेटल मिक्सर, 50 टन की क्षमता वाली चार ओपन हार्थ फर्नेस, एक स्टीम इंजन चालित 40 इंच का रिवर्सिंग ब्लूमिंग मिल, रीहीटिंग फर्नेस के साथ एक 28-इंच का रिवर्सिंग कॉम्बिनेशन रेल और स्ट्रक्चरल मिल, एक 16-इंच और दो 10 इंच की रोलिंग मिलें शामिल थीं।

संयंत्र में एक बिजलीघर, सहायक सुविधाएं और एक अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशाला भी थी। उस वक्‍त स्‍टील निर्माण की लागत 23 मिलियन यानी 2.30 करोड़ रुपये थी।