झारखंडः विप्लव ने तीसरा बच्चा पैदा करने की चुकायी बड़ी कीमत, चाईबासा नगर परिषद के वार्ड पार्षद से हटाए गए

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चाईबासा। बड़ी खबर चाईबासा से आयी है। जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार ने कुछ नियम बनाये हैं। एक नियम ये भी है कि जिन व्यक्तियों की दो से अधिक संतान हैं, वे नगर निकायों का चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। इस नियम के तहत नगर विकास विभाग ने चाईबासा नगर परिषद के वार्ड संख्या-5 के वार्ड पार्षद विप्लव कुमार को गलत जानकारी देने के आरोप में अयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी है। इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है।

वार्ड पार्षद के खिलाफ कई माध्यमों से उपायुक्त चाईबासा सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी को यह शिकायत मिली थी कि उन्होंने 2018 में संपन्न हुए नगर परिषद चुनाव में अपनी संतान के संबंध में गलत जानकारी देते हुए शपथ पत्र दाखिल किया था। चुनाव में वे निर्वाचित हो गये थे। यह बात सामने आयी थी कि विप्लव कुमार की तीसरी संतान का जन्म 20.09.2015 को हुआ है। ऐसे में झारखंड नगरपालिका अधिनियम के प्रावधानों के अंतर्गत वे वार्ड पार्षद के पद पर निर्वाचन के लिए आयोग्य हैं।

यहां बता दें कि इस पूरे मामले की जांच की गयी थी। राज्य निर्वाचन आयोग के समक्ष भी इस संबंध में कागजात उपलब्ध कराये गये। नगर विकास विभाग ने जांच समिति गठित की। समिति ने आरोपी से अपने बचाव के लिए पक्ष भी लिया। जांच पदाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि झारखंड नगरपालिका

अधिनियम के प्रावधान के अनुसार 9.02.2013 के उपरांत तीसरी जीवित संतान होने से कोई व्यक्ति नगर निकाय का चुनाव लड़ने के लिए अपात्र है। ऐसे में समिति ने वार्ड पार्षद को पद से मुक्त करने की अनुशंसा की। इसी आलोक में नगर विकास सचिव विनय कुमार चौबे के हस्ताक्षर से आदेश जारी करते हुए वार्ड पार्षद को आयोग्य घोषित करते हुए उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गयी।