हजारीबाग। हजारीबाग की बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद की ओर से विधानसभा चुनाव 2019 में नामांकन के लिए दायर किए गए हलफनामे पर सवाल खड़ा किया गया है। रामगढ़ के पंकज महतो ने चुनाव आयोग को अंबा के हलफनामे में झूठी व अधूरी सूचनाएं देने का आरोप लगाया है। इस पर चुनाव आयोग ने झारखंड के मुख्य चुनाव अधिकारी को शिकायत पर आवश्यक कार्यवाही का निर्देश दिया है।
इसमें आयोग ने कई बिंदुओं पर पंकज महतो की ओर से संबंधित साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करने की बात भी कही है। पत्र में कहा गया है कि हलफनामे में अंबा ने अपना पता ग्राम पहरा, प्रखंड : केरेडारी, जिला : हजारीबाग बताया है। पहरा में अम्बा प्रसाद का घर, जमीन की कीमत, रकबा की जानकारी नहीं दी गई है। चुनाव से पहले और चुनाव के बाद अंबा प्रसाद का वर्तमान पता हजारीबाग के हुरहुरू में है। लेकिन हलफनामे में जानकारी नहीं दी गई है।
हलफनामे में अंबा ने खुद को सेल्फ डिपेंडेंट बताया है, जबकि चुनाव के पहले और वह बाद में माता-पिता के घर व वाहन का उपयोग कर पूरे परिवार (भाई-बहन) के साथ रह रही हैं। वर्ष 2009 व 2014 के विधानसभा चुनाव में योगेंद्र साव और निर्मला देवी ने संपत्ति का जो ब्योरा दिया है, कानूनन उसका एक हिस्सा अंबा प्रसाद का भी है। उन संपत्तियों में अपने हिस्से का जिक्र अंबा प्रसाद ने चुनावी हलफनामे में नहीं किया है। अंबा प्रसाद ने हलफनामे में वकालत से अपनी कमाई 50 हजार बताई है।
वर्ष 2018 में अंबा ने हाइकोर्ट में प्रैक्टिस करने के लिए इनरोलमेंट जेएच 678/18 में किया है। आरोप है कि उन्होंने ऑल इंडिया बार काउंसिल की परीक्षा पास नहीं की है। ऐसे में वकालत नहीं किया जा सकता है। पंकज महतो ने विधानसभा चुनाव 2019 में उम्मीदवारों के हलफनामे की स्क्रूटनी करनेवाले अफसरों की भूमिका पर भी सवाल खड़ा किया है।
उन्होंने कहा है कि अंबा प्रसाद के घर व संपत्ति का विवरण नहीं होने के बाद भी स्क्रूटनी अफसरों ने उसे पास कर दिया। उनके शैक्षणिक, वकालत सर्टिफिकेट में लिखे पता और हलफनामे में लिखे पता का मिलान नहीं किया गया।