जैप जवानों के मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य और कल्‍याण के लिए आगे आया सीआईपी

झारखंड सेहत
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  • जैप-1 सभागार में मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य साक्षरता पर कार्यशाला

रांची। सीआईपी के मनश्चिकित्सीय सामाजिक कार्य विभाग के तत्‍वावधान में जैप-1 सभागार में मानसिक स्वास्थ्य साक्षरता पर 4 दिसंबर को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों, शारीरिक स्वास्थ्य, जैप के परिवारों की भलाई के महत्व के बारे में बताया गया।

सीआईपी के निदेशक प्रो (डॉ) बासुदेव दास ने जैप-1 में गोरखा के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख किया। उन्होंने आर्म्‍स फोर्स के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों और उनकी भलाई के महत्‍व पर चर्चा की। इसकी रोकथाम और प्रचार पर प्रकाश डाला। उन्होंने जैप के जवानों के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के क्षेत्र में भविष्य में सीआईपी टीम की मदद की पेशकश की।

सीआईपी के सेंटर फॉर चिल्ड्रन एंड एडोलसेंट साइकियाट्री के प्रभारी डॉ निशांत गोयल ने सामान्य रूप से मानसिक स्वास्थ्य और मनोवैज्ञानिक समस्या पर एक सिंहावलोकन पेश किया। उन्होंने सिखाया कि प्राथमिक स्तर पर किसी व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक स्वास्थ्य या मानसिक स्वास्थ्य की पहचान कैसे करें। COVID-19 की पृष्ठभूमि में मानसिक स्वास्थ्य और भलाई पर चर्चा की गई। उन्होंने युद्ध में तनाव और तनाव से गुजर रहे जैप परिवारों की मदद करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।

सीआईपी के व्यसन मनोचिकित्सा केंद्र के प्रभारी डॉ संजय मुंडा ने मादक द्रव्यों के सेवन के विकार और शारीरिक, भावनात्मक, सामाजिक, व्यवसाय एवं पारिवारिक क्षेत्रों में उनके प्रभाव पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि कैसे कोई अपने व्यसन पैटर्न की पहचान कर सकता है। सीआईपी या किसी व्यसन केंद्र में मदद ले सकता है। उन्होंने परिवार और अन्य संबंधित सामाजिक-व्यावसायिक कामकाज एवं बच्चों पर मादक द्रव्यों के सेवन विकारों के प्रभाव के बारे में बताया। सीआईपी नशामुक्ति सेवाओं के साथ व्यसन में उपचार प्रक्रियाओं पर भी चर्चा किया।

सीआईपी की सहायक प्रोफेसर श्रीमती मिट्टू मुथु वर्गीस ने कार्य-जीवन संतुलन के बारे में बात की। सभी के मानसिक स्वास्थ्य और कल्याण के बारे में बताया। कुछ रणनीतियों पर चर्चा की, जिनका उपयोग तनावों को दूर करने के लिए दिन-प्रतिदिन के अभ्यास में किया जा सकता है।

झारखंड सशस्‍त्र पुलिस-1 के कमांडेंट अनीश गुप्‍ता ने स्‍वागत किया। कार्यशाला का समापन डॉ दीपंजन भट्टाचार्जी और डॉ प्रसाद कन्नेकांति ने किया। भविष्य में जैप-1 और उनके परिवार के कल्याण के लिए किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार रहने की बात कही। कार्यशाला में सीआईपी टीम के पीएसडब्ल्यू शिक्षक कस्तव परजोली और मयंक सिंह ने भाग लिया।