बिहार में शराब से हुई मौत पर सियासत तेज, तेजस्वी ने नीतीश पर उठाए यह सवाल, जदयू का पलटवार

बिहार
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पटना। बिहार में जहरीली शराब से पिछले 36 घंटे में 20 से अधिक लोगों की मौत के बाद सरकार एक बार फिर विपक्ष के निशाने पर है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जोरदार हमला बोला है। वहीं जदयू ने भी पलटवार किया है।

तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उपचुनाव में मुख्यमंत्री की सह पर उनके मंत्रियों और पुलिस-प्रशासन ने मतदाताओं के बीच शराब बांटी। तेजस्वी ने पूछा कि बिहार में किस बात की शराबबंदी है ? इन मौतों का जिम्मेदार कौन है ? बिहार में 20 हजार करोड़ की अवैध तस्करी और समानांतर ब्लैक इकोनॉमी के सरगना इस बात का सामने आकर जवाब दें। तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर यह हमला ट्वीट के माध्यम से किया है। तेजस्वी ने ट्वीट कर यह आरोप भी लगाया है कि अधिकतर शवों को पुलिस बिना पोस्टमार्टम के ही जला रही है।

तेजस्वी यादव ने मृतकों की रोती-बिलखती महिला परिजनों का वीडियो साझा करते हुए आरोप लगाया है कि इन चीखों का नीतीश कुमार पर फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने लिखा है, ‘इन चीखों का गड़बड़ डीएनए वाली एनडीए सरकार और तीन नंबरिया पार्टी के मुखिया पर कुछ फर्क नहीं पड़ता। हां! किसी की सनक से बिहार में कागजों पर शराबबंदी है अन्यथा खुली छूट है क्योंकि ब्लैक में मौज और लूट है।’ बिहार के दो जिलों में गुरुवार को 25 से अधिक लोगों की शराब पीने से मौत हो चुकी थी।

गोपालगंज में 17 लोगों की जान जहरीली शराब पीने से चली गई। वहीं बेतिया में अब तक 11 लोगों की मौत होने की सूचना है। तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि मुजफ्फरपुर में पांच दिन पहले जहरीली शराब पीने से 10 लोग काल के गाल में समा गए थे। क्या इन मौतों के जिम्मेदार क्या शराबबंदी का ढोल पीटने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नहीं हैं ? तेजस्वी के हमले पर जदयू नेता नीरज कुमार ने भी पलटवार किया है। जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार का कहना है कि तेजस्वी अप्रवासी बिहारी हैं। उन्हें बिहार की स्थिति की जानकारी नहीं है। नीरज कुमार ने कहा है कि वह खुद हेलीकॉप्टर रखे हुए थे, तो चुनाव आयोग को इसकी जानकारी देनी चाहिए थी।

नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव चुनाव हार गए हैं, तो आरोप लगा रहे हैं। पिता-पुत्र की राजनीति पर पूर्णविराम लग गया है। दिल्ली में बैठ कर बयान दे रहे हैं। बिहार की जनता ने बिहार का उन्हें नेता प्रतिपक्ष तो बनाया गया है, लेकिन वह अपने दायित्व को भूल गए हैं। यही कारण है कि तेजस्वी यादव के सारे आरोप हार की बौखलाहट से उपजे हुए दिखते हैं।