मंत्री जी, सरकारी स्‍कूलों की यह उपलब्धि भी तो देखें, फिर सोचें

झारखंड
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रांची। नेशनल अचीवमेंट सर्वे में झारखंड के स्कूल को राष्ट्रीय स्तर पर 2018 में चौथा स्थान मिला था। तत्कालीन शिक्षा सचिव को भारत सरकार द्वारा सम्मानित भी किया गया था। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ ने वित्त मंत्री डॉ रामेश्‍वर उरांव से कहा कि यह उपलब्धि भी देखें। इसके बाद अपने बयान पर सोचें और माफी मांगें।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष विजेंद्र चौबे, महासचिव राममूर्ति ठाकुर और मुख्य प्रवक्ता नसीम अहमद ने कहा कि झारखंड में नवोदय विद्यालय, नेतरहाट विद्यालय, सैनिक स्कूल, इंदिरा गांधी विद्यालय हजारीबाग, कस्तूरबा गांधी विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय सहित ग्रामीण, पठारी और दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालय अच्छा परिणाम दे रहे हैं। हालांकि मंत्री ने सबको मटियामेट करने वाला वक्तव्य दिया है, जो निंदा के योग्य है।

संघ ने कहा कि मंत्री अगर वाकई शिक्षा को लेकर गंभीर हैं, तो अगली कैबिनेट में ही एमडीएम सहित सभी प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को अलग करने का प्रस्ताव पारित कराये। शिक्षकों को सिर्फ शिक्षण कार्य के लिए स्वतंत्र करें, अन्यथा राज्य के गरीब सुविधाविहीन ग्रामीण परिवेश के बच्चों के लिए संचालित विद्यालयों को अपमानित करने वाले अपने बयान के लिए माफी मांगे।

संघ ने कहा कि मंत्री पूंजीवाद के बाजार से उत्पन्न निजी विद्यालयों के पोशाक हैं। उसी मानसिकता से उन्होंने सरकारी विद्यालयों के खिलाफ बयान दिया है। स्कूली शिक्षा आज भी 70 प्रतिशत बच्चे सरकारी स्कूल से ही शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं, लेकिन मंत्री ने शहरी चमक दमक में डूबकर ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के स्कूल को कम आंकने का काम किया है। खुद सरकार के मंत्री होकर सरकारी स्कूल को बदनाम करने वाला उनका बयान सरकार के भी विपरीत है।