त्रिपुरा की घटना के खिलाफ वामदलों ने पूरे राज्य में निकाला विरोध मार्च

झारखंड
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रांची। त्रिपुरा में मुख्य विपक्षी दल और मीडियाकर्मियों पर हिंसक हमलों के खिलाफ 10 सितंबर को वामदलों ने पूरे राज्य में विरोध मार्च निकाला। त्रिपुरा सरकार का पुतला दहन किया। राजधानी रांची में कार्यकर्ताओं अलबर्ट एक्का चौक के समीप एकत्रित हुए। भाजपा और त्रिपुरा सरकार के खिलाफ नारे लगाए। सरकार का पुतला दहन किया।

इस अवसर पर आयोजित सभा में वामदलों के नेताओं ने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा के कुशासन के खिलाफ लड़ने वाले ट्रेड यूनियन और अन्य जन संगठनों को भी निशाना बनाया गया है। उनके कार्यालयों में तोड़फोड़, दस्तावेज, वाहन और अन्य संपत्तियों को आग लगाने का काम किया गया है। पुलिस प्रशासन केवल मूकदर्शक बना रहा।

सीपीआई (एम) के राज्य मुख्यालय और अगरतला में सीटू सहित पूरे राज्य के लगभग सभी जिलों में सीपीआई (एम), सीपीआई, भाकपा (माले) और अन्य जन संगठनों के कार्यालयों पर भाजपा के नेतृत्व में भीड़ ने हमला किया। लोगों के महान और सबसे सम्मानित नेता, दशरथ देव की प्रतिमा को तोड़ी गई। दस्तावेज, फर्नीचर, वाहनों को दिन जला दिया गया। इस हमले मे सैकड़ों कार्यकर्ता गंभीर रूप से घायल हुए है। मीडिया को भी नहीं बख्शा गया।

वाम नेताओं ने कहा कि भाजपा द्वारा किया गया यह सुनियोजित हमला है। राज्य की भाजपा सरकार की यह सोच पूरी तरह से गलत है कि वह विपक्ष की संस्था और संगठनों पर इस तरह के फासीवादी हमलों के माध्यम से कुचल देगी। अपने कुशासन के खिलाफ संघर्षों को दबा सकती है। भाजपा के इन हमलों से लाल झंडा लोकतांत्रिक तरीके से निपटेगा।

विरोध कार्यक्रम मे सीपीआई (एम) के प्रकाश विप्लव, सुखनाथ लोहरा, सुरजीत सिन्हा, प्रफुल्ल लिंडा, भाकपा (माले) के शुभेंदु सेन, भुवनेश्वर केवट, भाकपा के अजय सिंह, मासस के सुशांत मुखर्जी के अलावा समीर दास, मोहन दत्ता, सोहेल अंसारी, नौरीन अख्तर, वीणा लिंडा सहित दर्जनों कार्यकताओं ने हिस्सा लिया।