इन इलाकों के अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ ब्लूप्रिंट तैयार, ऐसे होंगे गिरफ्तार

झारखंड बिहार
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बिहार में शराब पर प्रतिबंध है, लेकिन शराब तस्कर अवैध शराब की बिक्री के लिए नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं। ऐसे में शराब के कारोबार पर रोक लगाना बड़ी चुनौती है। इस दौरान पलामू उत्पाद विभाग ने कारोबारियों के खिलाफ एक सूची बनाई है।

बिहार से सटे सीमावर्ती इलाके और पलामू के कई आंतरिक भागों में अवैध रूप से महुआ शराब के उत्पादन को रोकना काफी मुश्किल भरा है। पलामू उत्पाद विभाग ने अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए ब्लूप्रिंट तैयार किया है। इस ब्लूप्रिंट की जानकारी वरीय अधिकारियों और राज्य मुख्यालय को दी गई है। इसके साथ ही उत्पाद विभाग ने शराब कारोबारियों की एक सूची तैयार की है। इस सूची में 12 से अधिक शराब के कारोबारी शामिल हैं। ये कारोबारी लगातार अवैध रूप से शराब का उत्पादन कर रहे हैं और कई बार इनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई है। पलामू उत्पाद अधीक्षक विमला लकड़ा ने बताया कि विभाग अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है और उनकी सूची भी तैयार की गई है। विभाग ने एक योजना बनाई है और अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। बिहार में सटे हुए इलाके और पलामू के कई आंतरिक इलाकों में अवैध शराब के कारोबार को रोकना बड़ी चुनौती है। बिहार से सटे हुए नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीण अवैध रूप से महुआ का शराब उत्पादन कर रहे हैं। उत्पाद विभाग और पुलिस को कार्रवाई के लिए पूरी तरह से योजना तैयार करनी पड़ती है, जबकि पलामू के आंतरिक भाग के चैनपुर के कल्याणपुर, हुसैनाबाद, पांकी के मंगलपुर के इलाके में भी बड़े पैमाने पर अवैध शराब का उत्पादन हो रहा है।

पलामू उत्पाद विभाग ने जो सूची तैयार की है, उसी के अनुसार अवैध शराब के कारोबारी बिहार सीमा चैनपुर और पांकी के इलाके के हैं। पलामू उत्पाद विभाग और पलामू पुलिस की कार्रवाई में पिछले 6 महीने में 10 हजार लीटर से भी अधिक अवैध महुआ शराब को नष्ट किया गया है। वहीं हजारों क्विंटल महुआ जावा को नष्ट किया गया है।