- झारखंड सरकार के संकल्प का करेंगे विरोध
आनंद कुमार सोनी
लोहरदगा। झारखंड आंदोलनकारी 9 जून को सांकेतिक उपवास करेंगे। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के लोहरदगा जिला समिति के संयोजक प्रो विनोद भगत ने कहा कि उस दिन शंख नदी तट पर स्थित भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं श्रद्धांजलि सभा की जाएगी। इसके बाद सभी झारखंड आंदोलनकारी अपने-अपने घरों में सांकेतिक उपवास कर झारखंड सरकार के संकल्प का विरोध करेंगे।
प्रो भगत ने कहा कि सरकार के संकल्प में आंदोलनकारियों को समान रूप से सम्मान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों को वर्गीकृत नहीं किया जाए। आंदोलनकारी, आंदोलनकारी हैं। झारखंड आंदोलनकारियों के आश्रितों को राज्य सरकार विशेष अभियान चलाकर सीधी नौकरी में बहाल करे। झारखंड आंदोलनकारियों द्वारा सरकार को विगत 1 मार्च, 2021 को दिए गए मांग पत्र सौंपा गया था। इस आधार पर कोई निर्णय नहीं लिया गया। मोर्चा की मांग है कि सरकार के 20 अप्रैल, 2021 के संकल्प में व्यापक संशोधन हो। जेल जाने की बाध्यता को समाप्त कर सभी आंदोलनकारी को समान रूप से सम्मान दिया जाए। यह संकल्प झारखंड आंदोलनकारियों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है, जिसे हम सभी झारखंड आंदोलनकारी सिरे से खारिज करते हैं।
प्रो भगत ने कहा कि यह संकल्प भी पिछली सरकार के संकल्प का ही एक प्रकार की कॉपी है। मामूली हेरफेर किया गया है। 9 जून, 2021 से झारखंड आंदोलनकारियों द्वारा एक संघर्ष का उलगुलान भगवान बिरसा मुंडा की शहादत दिवस से आरंभ होगा। कोरोना महामारी से बंद-बंद के कारण सभी आंदोलनकारी और उनके परिवारों आर्थिक संकट से दो-चार हो रहे हैं। कई आंदोलनकारी तो काल के गाल में भी समा गए। आश्चर्य तो इस बात का है कि जिन आंदोलनकारियों को पेंशन मिलती है, इस संकट में भी पिछले तीन-चार महीने से यह नहीं मिल रही है।
प्रो भगत ने कहा कि चिन्हितीकरण आयोग द्वारा चिन्हित आंदोलनकारियों की सूची प्रकाशित तक नहीं की गयी। आयोग द्वारा वर्ष 2019 में ही लोहरदगा जिले के सभी अंचलाधिकारियों को आंदोलनकारियों की सूची वेरीफिकेशन के लिए भेजी गई थी। हालांकि अब तक कई अंचलाधिकारियों ने वेरिफिकेशन रिपोर्ट नहीं भेजी हैं, जिससे उनकी चिन्हितीकरण नहीं हो पायी है। यह काफी चिंता का विषय है। उन्होंने जिले के सभी आंदोलनकारियों से आगामी 9 जून को सुबह 9 बजे कार्यक्रम को सफल बनाने का आह्वान किया है।