योग दिवस पर वेबिनार में अरिमर्दन सिंह ने कहा-करें योग और रहें निरोग

झारखंड
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रांची। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के प्रेस इनफॉर्मेशन ब्यूरो, रीजनल आउटरीच ब्यूरो रांची तथा फील्ड आउटरीच ब्यूरो गुमला के संयुक्त तत्वावधान में सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 के मौके पर स्वास्थ्य के लिए योग विषय पर सोमवार को एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए पीआईबी-आरओबी रांची के अपर महानिदेशक अरिमर्दन सिंह ने कहा कि योग अपने आप में एक संपूर्ण जीवन शैली है। यह हमारे आहार-विहार, आचार तथा विचार की समग्रता को दर्शाता है। हमें प्रयास करने चाहिए कि हम अपनी दिनचर्या के हिसाब से हर दिन योग के लिए समय निकालें। हमें अपनी जीवन शैली में प्रकृति से तारतम्य बनाकर रखना चाहिए, ताकि हमारा शरीर और मस्तिष्क दोनों ठीक रहे और हम दैहिक, दैविक तथा भौतिक सुखों का आनंद ले सकें।

इससे पूर्व वेबिनार के आरंभ में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी महविश रहमान ने कहा कि सातवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम ‘योग फॉर वेलनेस’ है, जो शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए योग का अभ्यास करने पर केंद्रित है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी।

प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस के प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।

वेबिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए झारखंड ओलंपिक एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी संजेश मोहन ठाकुर ने कहा कि योग हमारे मन और शरीर का सामंजस्य स्थापित करता है और हमारी व्यक्तिगत चेतना को सार्वभौमिक चेतना से जोड़ता है। योग के आठ अंग बताए गए हैं, जैसे यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, ध्यान, समाधि, धारणा। इन सब साधनों से हम योगाभ्यास करते हुए अपने जीवन को दीर्घायु एवं स्वस्थ बनाते हैं। यम, योग के पूर्व का अभ्यास है, जो हमारे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।

रांची की प्रतिष्ठित योगा ट्रेनर तथा ‘योगा बियोंड रिलीजियन’ की संस्थापिका राफिया नाज ने बतौर विशिष्ट वक्ता कहा कि योग का अर्थ ही है जोड़ना। योग हमारे शरीर का विज्ञान है, जिसके द्वारा हम अपने निगेटिव विचारों को दूर करके पॉजिटिव विचारों को जीवन में लाते हैं। वेबिनार को विशिष्ट अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए लोटस योगा, सिंगापुर के पतंजलि योगा टीचर मास्टर मोनेश ने कहा कि योग हमारी संस्कृति का एक अमूल्य धरोहर है। जिसपर हमें हमेशा गर्व रहेगा।

वेबिनार में जुड़ने वाले सभी प्रतिभागियों को ई प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।