स्‍कूल की नई समय सारणी को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने उठाये सवाल

झारखंड शिक्षा
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  • शिक्षा मंत्री, सचिव सहित अन्‍य को ज्ञापन सौंपा, कई अन्‍य मुद्दों को भी रखा

रांची। स्‍कूल की नई समय सारणी सहित अन्‍य दिशा निर्देशों में संशोधन को लेकर राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ झारखंड प्रदेश प्राथमिक प्रकोष्ठ ने सवाल उठाये हैं। इस संबंध में शिक्षा मत्री को 2 दिसंबर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन शिक्षा सचिव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक, मंत्री के आप्त सचिव को भी दिया गया। इसमें कई अन्‍य मुद्दों को भी उठाया गया है।

प्रतिनिधिमंडल में प्रांतीय संयोजक आशुतोष कुमार, सह संयोजक विजय बहादुर सिंह, प्रदेश मीडिया प्रभारी अरुण कुमार दास, राज्य प्रतिनिधि अजय कुमार, समीर श्रीवास्तव, रांची जिला के महामंत्री अरुण कुमार के साथ अजय गुप्ता एवं आनंद दुबे शामिल थे।

ज्ञापन में संघ ने स्‍कूल की समय सारणी को लेकर जारी अधिसूचना में व्याप्त त्रुटियों की ओर ध्‍यान आकृष्‍ट कराया है। छात्रों की वास्तविक रूप से न्यूनतम उपस्थिति क्षमता हासिल करने के सुझाव दिये गये हैं।

प्रशासनिक कार्रवाईयों में लेट लतीफी, शिक्षकों को पूर्णरूपेन शैक्षणिक गतिविधियों में ही लगाने, शिक्षकों को विद्यालयों में छात्र-शिक्षक अनुपात के अनुसार पदस्थापित करने, विषय विशेषज्ञ के रूप में चयनित सीआरपी एवं बीआरपी को पूर्णरूपेण विद्यालयों के शैक्षणिक कार्यों में लगाने, केंद्रीय विद्यालय की तर्ज पर राज्य के सभी विद्यालय को सुविधा संपन्न करते हुए उनकी सेवा शर्तों को पूर्णरूपेण लागू करने की बात भी कही गई है। सघ ने कहा कि इन बिंदुओं को लागू करना राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए हितकर होगा।

सदस्‍यों ने कहा है कि राज्य की शिक्षा व्यवस्था में अनावश्यक रूप से एनजीओ का दखल बढ़ा है। उनके द्वारा विद्यालय एवं शिक्षकों के लिए नए-नए प्रायोगिक दिशा निर्देशों को विभाग के माध्यम से जारी कराया जा रहा है। शिक्षकों के शैक्षिक कार्यों में दखलअंदाजी की जा रही है। इससे राज्य की शिक्षा व्यवस्था में सुधार की जगह गिरावट आ रही है, जबकि सभी एनजीओ पर शिक्षा बजट की अधिकांश राशि खर्च की जाती है।